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Moradabad: पंगास मछली के शौकीन बड़े, मछली पालन कर किसान बन रहे लखपति

मंडल में पंगास मछली के शौकीन बढ़ने लगे हैं, जिससे मछली की भी डिमांड अधिक हो गई है। अब किसान छह माह में करीब तीन हजार किलो मछली तैयार कर रहे है। बाजार में बेच कर मोटा मुनाफा बना कर लखपति भी बन गए हैं। 

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Avik Kumar
तालाब में चारा डालते हुए।

मछली पालन किसानों के लिए आमदनी का एक अच्छा स्रोत।

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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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मंडल में पंगास मछली के शौकीन बढ़ने लगे हैं,जिससे मछली की भी डिमांड अधिक हो गई है। अब किसान छह माह में करीब तीन हजार किलो मछली तैयार कर बिक्री कर लखपति बन गए हैं। 

मछली पालन तेजी से किया जा रहा है इस मछली पालन से किसान अपनी आय दोगुनी करने में लगे हुए हैं। मौजूदा समय में किसान पंगास मछली का पालन करके  छह माहिने में करीब एक से डेढ़ लाख रुपए की आय कर पा रहे हैं। अब किसानों कि आजीविका चलाने में मछली पालन सहायक बन रहा है।

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एक बीघा में तैयार हो रही तीन हजार किलो मछली 

किसान एक बीघा जमीन में छह माह के अंदर करीब तीन हजार किलो पंगास मछली तैयार कर लेते हैं। यह मछली बाजार में करीब 150 से 200 रुपए प्रति किलो बिकती है,जिसकी बिक्री कर किसान लखपति बन पा रहे हैं। इतना ही नहीं यह मछली रोहू और नैन की अपेक्षा वजन में तेजी के साथ बढ़ती है और इसका वजन एक महिने में ही एक किलो तक हो जाता है। जबकि रोहू और नैन को तैयार होने में पूरा एक साल लगता है। यही वजह है कि किसान सबसे अधिक पंगास मछली का पालन के रहे हैं। 

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मछली पालन के लिए पानी व जमीन की होती है अहम भूमिका 

मछली पालन करने के लिए पानी और जमीन की अहम भूमिका होती है यह मछली रेती और खराब पानी में नहीं पनप पाती है। इनके पालन के  लिए अच्छा पानी और जमीन की अहम भूमिका होती है। फिलहाल मंडल के जनपद अमरोहा और रामपुर में सौ से अधिक किसान इसका पालन कर रहे हैं। जनपद मुरादाबाद के छजलैट, ठाकुरद्वारा और डीलारी में 80 से अधिक किसान पंगास का पालन कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। वही जनपद संभल में पानी अच्छा न होने की वजह से कम किसान ही पालन कर पा रहे हैं। 

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साल में आठ से दस लाख रुपए तक कमा रहे किसान  

अब तक किसान गेहूं, धान व अन्य चीजों की खेती करते थे। लेकिन मछली पालन से किसान  की आय में वृद्धि हुई है। जिसके चलते किसान  साल में करीब 8 से 10 लख रुपए कमा रहे हैं, क्योंकि साल में 12 माह होते हैं। प्रत्येक छह माह में करीब तीन हजार किलो मछली तैयार हो जाती है, जो बाजार में 100 से 200 रुपए के बीच  प्रति किलो की बिक्री होती है। अब हर छह माह में किसान करीब 3 से 4 लाख रुपए कमा रहा है। इतना ही नहीं इन किसानों को मछली पालन करने के लिए सरकार द्वारा भी विभिन्न स्कीमों के माध्यम से अनुदान भी दिया जाता है। जो मछली पालन के करने के लिए सहायक है और आमदनी बढ़ता है। 

क्या बोले निदेशक

मनोहरपुर स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ दीपक मेंदीरत्ता ने बताया कि अभी तक किसान केवल  खेती पर ही निर्भर थे, मगर कुछ समय से किसानों में जागरूकता बड़ी है और वो खेती के साथ मछली पालन करने में भी काफी इच्छुक होने लगे हैं। क्योंकि मछली पालन से लाखों रुपए की आय कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक ढाई सौ से अधिक किसानों को मछली पालन करने के लिए ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अब इस मछली पालन से किसान छह माह के अंदर तीन किलो से अधिक मछली तैयार कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। और सरकार द्वारा मछली पालन के लिए किसानों को स्कीम भी दी जा रही है। जिस स्कीम का किसान लाभ भी ले पा रहे हैं।

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