मुरादाबाद,वाईवीएन संवाददाता। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती पर शहर का माहौल देशभक्ति और गर्व से ओतप्रोत रहा। विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजपूत समाज के लोगों ने पूरे सम्मान और उत्साह के साथ उनका जन्मदिवस मनाया।
महाराणा प्रताप की गाथा का संदेश देते हुए महाराणा प्रताप चौक पहुंचे
सुबह प्रभात मार्केट से शुरू हुई भव्य बाइक रैली ने पूरे शहर का ध्यान खींचा। बग्घियों, ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक वेशभूषा में सजे युवा महाराणा प्रताप की गाथा का संदेश देते हुए महाराणा प्रताप चौक पहुंचे, जहां प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के नेतृत्व में हुए इस आयोजन में वक्ताओं ने महाराणा प्रताप के बलिदान, स्वाभिमान और शौर्य पर प्रकाश डाला। करनी सेना ने अलग कार्यक्रम में महाराणा की तलवार और उनके अदम्य साहस की गाथा साझा की। वक्ताओं ने युवाओं से महाराणा प्रताप के सिद्धांतों पर चलने की अपील की और संगठित रहने का संदेश दिया।
कौन थे महाराणा प्रताप
महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। वे मेवाड़ के राजा महाराणा उदयसिंह द्वितीय और रानी जयवंता बाई के पुत्र थे। उनका बचपन भील समुदाय के साथ बीता, जहाँ उन्होंने युद्ध कौशल और घुड़सवारी की शिक्षा प्राप्त की। भील उन्हें स्नेहपूर्वक "कीका" कहकर पुकारते थे।
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