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Moradabad: आईपीएल सट्टे ने कोतवाल साहब की लगा दी लाटरी, मोबाइल बना अलादीन का चिराग

Moradabad: आईपीएल सट़्टे के करोड़पति सटोरियों को जमानत पर जेल से बाहर आने का रास्ता खुलने लगा है। इसके साथ ही एक कोतवाल के राज भी सामने आने लगे हैं। आईपीएल का ये सट्टा, कोतवाल साहब के लिए लॉटरी साबित हुआ है।

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YBN Editor MBD
वाईबीएन

Photograph: (Moradabad: )

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मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता। मुरादाबाद में आईपीएल के करोड़पति सट्टेबाज जिन्हें हर वक्त एसी में रहने की आदत है वो पिछले करीब डेढ़ महीने से सढ़ती गर्मी में जेल  की सलाखों में कैद हैं। हालांकि, लंबी जद्दोजहद के बाद अब इनके बाहर आने का रास्ता खुलने लगा है। 3 सट्टेबाजों को गुरुवार को हाईकोर्ट से बेल मिल गई है। बल्कि यूं कहें कि इनके जेल से बाहर आने का रास्ता फिलहाल साफ हो गया है। 

अब तीन को मिली जमानत 

लेकिन जैसे ही आईपीएल सटोरियों के लिए जेल का गेट खुलना शुरू हुआ है, एक कोतवाल के राज भी खुलने लगे हैं। करोड़पति सटोरियों को कोतवाल साहब ने जमकर दौड़ाया। दौड़ाने का लगी उर्जा का भुगतान भी भरपूर किया। सूत्रों का कहना है कि ये कोतवाल साहब आईपीएल सट्टे की इस कड़ी में गंगा नहा गए हैं। अगले-पिछले सारे पाप इसी में धुल गए हैं। 

जेल से छूटते ही सबसे पहले पुलिस के बड़े साहब को कोतवाल साहब की कारगुजारियां बताई जाएंगी।

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सूत्र बताते हैं कि चतुर चालाक इस कोतवाल ने आला अफसरों को भनक तक नहीं लगने दी और पूरा खेल कर डाला। अब जब आईपीएल सटोरिए जमानत पर छूटने वाले हैं तो कोतवाल साहब के पसीने भी छूटने लगे हैं। जेल में बंद आईपीएल सटोरिए बड़े बड़े बिजनेस फैमिली से जुड़े हैं। किसी का भाई अफसर है तो किसी का शहर में अरबों का कामधंधा है। आईपीएल सटोरियों में कानाफूसी शुरू हाे गई है कि जेल से छूटते ही सबसे पहले पुलिस के बड़े साहब को कोतवाल साहब की कारगुजारियां बताई जाएंगी।

दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि लोगों ने कोतवाल साहब की कर्मकुंडली में सुबूतों को तैयार की है। लेकिन कोतवाल साहब पैर पकड़कर रोने में माहिर हैं। ऐसे में इनका कुछ बिगड़ेगा या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि आईपीएल सट्टे की गंगा में कोतवाल साहब ने डुबकियां जमकर लगाई हैं। 
सट्टा खेलते पकड़े गए एक व्यापारी के मोबाइल फोन में जितने भी नंबर थे, साहब ने उनमें से किसी को नहीं छोड़ा। सभी को थाने की हाजिरी देनी पड़ी। नामजद अभियुक्त घर पर चैन से सो सकें इसके लिए अगल प्रावधान था और बाकी को दौड़ाया न जाए उसके लिए अलग तरकीब थी।

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