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Moradabad: जनता से बसूले टैक्स के पैसे की बर्बादी कर रहा नगर निगम, 4 माह पहले बने शिव दर्शन स्थल को तोड़ा

Moradabad: शिव स्थल पर नंदी, त्रिशूल, डमरू और भगवान शिव के ॐ शब्द को बनाया गया था।अभी इस स्थल को बने हुए महज कुछ चंद दिन ही हुए थे। अब नगर निगम ने इस स्थल को तोडना शुरू कर दिया।

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Roopak Tyagi
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फोटो: धार्मिक स्थल को तोड़ते नगर निगम कर्मचारी Photograph: (मुरादाबाद )

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मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता। मुरादाबाद नगर निगम स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता के टैक्स के पैसो पर पानी फेर रही है। कांठ रोड पर कांवड़ पथ पर बनाया गया शिव दर्शन स्थल को लाखो रूपये की लागत से बनाया गया। हाल ही में बने हुए कुछ ही दिन बीते है कि इस शिव दर्शन स्थल को निगम द्वारा तोड़ दिया गया।

कहीं भ्रष्टाचार की भेंट तो नहीं चढ़ गया शिव स्थल

निगम का कहना है कि इस स्थल की ऊंचाई ज्यादा होने की वजह से इसको तोड़ा गया है। शिव स्थल के निर्माण से पहले क्या निगम के जेई, एई और ठेकेदार को यह दिखाई नहीं दिया की इसकी ऊंचाई कितनी होनी चाहिए। शिव स्थल को तोड़ने से किस के पैसो की बर्बादी हुई। इसके लिए कौन जिम्मेदार है, यह निर्माण कराना उसके बाद में तोड़ना और फिर से बनाना,कहीं किसी भ्रष्टाचार की तरफ तो इशारा नहीं कर रहा।

भगवान शिव के नंदी, डमरू और त्रिशूल का किया गया था निर्माण

मुरादाबाद में कांठ रोड़ पर कांवड़ पथ बनाया गया है। इस कांवड़ पथ पर हरिद्वार से आने वाले कवरियों को रास्ते में शंकर भगवान के दर्शन के लिए शिव स्थल का निर्माण कराया गया। इस शिव स्थल पर नंदी, त्रिशूल, डमरू और भगवान शिव के ॐ शब्द को बनाया गया था। अभी इस स्थल को बने हुए महज कुछ चंद दिन ही हुए थे। अब नगर निगम ने इस स्थल को तोडना शुरू कर दिया।

निर्माण की ऊंचाई ज्यादा कैसे हुई,जब निर्धारित थे मानक 

नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत लाखों रूपये से इसका निर्माण कराया गया था। जनता के टैक्स के रुपयों को नगर निगम बर्बाद करने पर तुला हुआ है। सवाल यह है कि जब नगर निगम कोई निर्माण करता है तो उसका टेंडर निकालता है उस टेंडर में पूरी जानकारी होती है कि किस तरह से इसका निर्माण होना है कितनी ऊंचाई और कितनी चौड़ाई होगी। इस निर्माण में क्या क्या बनना है। उसके बावजूद अगर कोई निर्माण पूरा हो जाता है तो उसको महज इसलिए तोड़ दिया जाता है कि इस स्थल कि ऊंचाई ज्यादा हो गई,इसके लिए कौन जिम्मेदार है। निगम के जेई, एई और ठेकेदार को यह दिखाई नहीं दिया की इसकी ऊंचाई कितनी होनी चाहिए। शिव स्थल को तोड़ने से पैसो की बर्बादी तो हुई है।

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दोबारा कराया जाएगा निर्माण:नगर आयुक्त 

नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल से जब इस बारे में जानकारी की गई तो उनका यही कहना है की इस शिव स्थल की ऊँचाई ज्यादा हो गई थी।इसलिए इसको तोड़कर दोबारा से निर्माण कराया जाएगा।

निर्माण कराते समय कहां थे जिम्मेदार

नगर आयुक्त का ये जबाव अपने आप में कई सवाल खड़े करता हुआ नजर आ रहा है, आखिरकार निर्माण कराने से पहले किसी भी नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी को दिखाई क्यों नहीं दिया की इस शिव स्थल की ऊँचाई ज्यादा है।

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