Moradabad: रेसिप्रेकल टैरिफ ने उड़ा दी निर्यातको की नींद, व्यापार पर पड़ सकता है असर
रेसिप्रेकल टैरिफ ने निर्यातकों की नींद को उड़ाकर रख दिया है। अब निर्यात के कारोबार पर टैरिफ का काला साया मंडराता नजर आ रहा है, जिससे निर्यात को को भारी नुकसान होने की संभावना है।
रेसिप्रेकल टैरिफ ने निर्यातकों की नींद को उड़ाकर रख दिया है। अब निर्यात के कारोबार पर टैरिफ का काला साया मंडराता नजर आ रहा है, जिससे निर्यात को को भारी नुकसान होने की संभावना है, क्योंकि टैरिफ(इम्पोर्ट ड्यूटी) लागू होने के बाद विदेशी ग्राहकों ने अपने ऑर्डर को होल्ड पर डाल दिया है। जिस वजह से निर्यात जगत को करोड़ो का नुकसान झेलना पड़ सकता है।
अमेरिका में ट्रंप की सरकार बनने के बाद से टैरिफ यानी कि (इम्पोर्ट ड्यूटी) 25 प्रतिशत की दर से लागू कर दिया गया है। इसमें केवल अल्युमिनियम और आयरन के उत्पाद शामिल हैं। मगर कुछ होम डेकोरेटिव आइटम पर ही इन दरों को लागू किया गया है, जिसका सीधा असर महानगर के निर्यात कारोबार पर देखने को मिल सकता है। रेसिप्रेकल टैरिफ बढ़ने के बाद से विदेशी ग्राहकों ने निर्यातकों को मेल के माध्यम से ऑर्डर को होल्ड करने के लिए बोल दिया है।
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एल्युमिनियम के कुछ उत्पादों पर 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी
भले ही मुरादाबाद के पीतल की चमक निर्यात के कारोबार को विदेशों में अलग पहचान दिलाती हो,मगर टैरिफ लागू होने से इसका रंग फीका पड़ गया है। मौजूदा समय में निर्यातकों के अंदर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि विदेशी ग्राहक उत्पाद के दामों को कम करने की बात कर रहे हैं। फिलहाल महानगर से 60 प्रतिशत निर्यात केवल अमेरिका में होता है,जबकि बाकि का निर्यात अन्य देशों में होता है। टैरिफ(इम्पोर्ट ड्यूटी)लागू होने का असर महानगर की इकोनॉमी पर भी पड़ सकता है। महानगर में छोटी बड़ी सब मिलाकर करीब तीन हजार फैक्ट्रियां है,जिनका हर साल करीब नौ हजार करोड़ से अधिक का कारोबार होता है,जो मुरादाबाद की इकोनॉमी का अहम हिस्सा है। अभी तक अमेरिका द्वारा छह से दस परसेंट तक की इम्पोर्ट ड्यूटी ली जाती थी,मगर नई टैरिफ नीति में स्टील व एल्युमिनियम के कुछ उत्पादों पर पर 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से निर्यातकों को विदेशी ग्राहकों द्वारा नए ऑर्डर भी नहीं दिए जा रहे हैं। यही वजह है कि कारोबार में काफी फर्क देखने को मिल सकता है।
मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट एक्सपोटर्स एसोसिएश्न के अध्यक्ष नावेद उर रहमान ने बताया कि टैरिफ की दरों में बढ़ोतरी की गई है, जिसका असर निर्यात के कारोबार पर देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि विदेशी ग्राहकों द्वारा नए ऑर्डर नहीं दिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं पुराने ऑर्डर को भी ग्राहकों ने होल्ड पर डाल दिया है। मौजूदा समय में विदेशी ग्राहकों को स्टील व एल्युमिनियम के कुछ उत्पादों पर 25 परसेंट तक रेसिप्रेकल टैरिफ देना पड़ सकता है। बताया कि ग्राहक उत्पाद के दामों को भी कम करने की बात कर रहे हैं।
निर्यातक गौरव त्यागी ने बताया किरेसिप्रेकल टैरिफ की दर बढ़ने से हमारे कारोबार पर काफी असर देखने को मिल सकता है, क्योंकि विदेशी ग्राहकों ने मेल के द्वारा पुराने ऑर्डर को होल्ड पर डालने के लिए बोल दिया है।उन्होंने कहा कि अब विदेशी ग्राहक नए ऑर्डर देने से भी कतरा रहे हैं।
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