मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश के सम्भल जनपद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां एक पत्रकार ने अपनी जानमाल को खतरा बताते हुए डीआईजी कार्यालय पहुंचकर सुरक्षा की गुहार लगाई। इस दौरान पीड़ित ने डीआईजी से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपाते हुए पत्रकार ने भाजपा से जुड़े दो प्रभावशाली नेताओं – राजेश सिंघल और कपिल सिंघल पर गंभीर आपराधिक गतिविधियों का आरोप लगाया है। वही डीआईजी से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप की मांग की।
भाजपा नेता के घर ले जाकर मारपीट की गई
25 मई 2019 की घटना का जिक्र करते हुए पत्रकार ने बताया कि उन्हें सरथल चौकी इंचार्ज द्वारा पूछताछ के बहाने घर से उठाया गया, फिर भाजपा नेता के घर ले जाकर मारपीट की गई और कोतवाली में ले जाकर दुबारा हमला हुआ। अत्यंत अमानवीय व्यवहार करते हुए पत्रकार के मुँह पर पेशाब तक किया गया जिसका उल्लेख शपथपत्र में किया गया है।
पत्रकार का कहना है कि लगातार झूठे मुकदमे, N.B.W. जारी, और कोर्ट के चक्कर लगवाकर उसे मानसिक रूप से तोड़ा गया। उच्च न्यायालय के आदेश और साक्ष्य प्रस्तुत करने के बावजूद उनके साथ न्याय नहीं हुआ।
13 सितंबर 2023 को कार्यालय में जानलेवा हमला, 05 अक्टूबर 2022 को रास्ते में रोककर मारपीट, और परिवार पर फर्जी आरोप ये सभी घटनाएं CCTV व वीडियो में दर्ज हैं। कुछ मामलों में मुकदमे पंजीकृत भी हुए, किन्तु जांचों को दबा दिया गया या फर्जी सुलहनामों के आधार पर बंद कर दिया गया। वही पत्रकार ने आरोप लगाया कि सिंघल परिवार द्वारा संगठित गिरोह के ज़रिए पीड़ितों को झूठे मुकदमों में फंसाने, महिलाओं के माध्यम से फर्जी आरोप लगवाने और सम्पत्ति कब्जाने का कार्य किया जाता है।
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