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Photograph: (moradabad)
मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता जिले में बाढ़ से किसानों की हजारों बीघा फसल बर्बाद हो चुकी है। प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए कृषि विभाग, राजस्व विभाग और बीमा कंपनियों को 15 अगस्त तक सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजनी थी, लेकिन निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी। अधिकारियों की इस लापरवाही पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई है।
जिलाधिकारी ने कृषि विभाग और बीमा कंपनियों को सख्त हिदायत दी
शनिवार को जिला कृषि अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि अब 31 अगस्त तक हर हाल में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे पूरा कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर मुआवजा मिलना चाहिए, लेकिन सर्वे में अन्य विभाग को विभागीय ढिलाई के कारण सबसे अधिक नुकसान किसानों को झेलना पड़ रहा है।उन्होंने बताया कि कुछ गांव बाढ़ को पानी भरा होने के कारण सर्वे नहीं किया जा सका। बाढ़ के चलते कई गांवों में धान, गन्ना, मक्का और सब्जियों की फसलें पूरी तरह चौपट हो गई हैं। किसान लगातार खेतों का निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन नुकसान का मुआवजा कब मिलेगा इसको लेकर वे असमंजस की स्थिति में हैं। किसानों का कहना है कि अगर समय पर सर्वे रिपोर्ट शासन को भेज दी जाती तो उन्हें राहत राशि मिलने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो जाती।जिलाधिकारी ने कृषि विभाग और बीमा कंपनियों को सख्त हिदायत दी है कि सर्वेक्षण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने राजस्व कर्मियों को भी निर्देश दिए हैं कि ग्राम स्तर पर होने वाले सर्वे में पारदर्शिता बरती जाए और किसानों को वास्तविक नुकसान का आकलन रिपोर्ट में दर्ज किया जाए।
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