सेहल गांव में बकरीद के दिन हुई एक घटना ने जातीय भेदभाव की गंभीर तस्वीर सामने रख दी है। आरोप है कि दो दलित छात्राओं को पंचायत भवन में बने सरकारी पुस्तकालय में घुसने से रोका गया और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया। मामले की गूंज प्रशासन तक पहुंची तो अधिकारियों ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
आला अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी जाएगी
मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो जिलाधिकारी अनुज सिंह के निर्देश पर डीपीआरओ वाचस्पति झा गांव पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि बकरीद के दिन पंचायत सहायक की बहन कुछ किशोरियों को किताबें देने पुस्तकालय गई थी। उसी दौरान दो अन्य छात्राएं भी पुस्तकालय पहुंचीं, लेकिन उन्हें अंदर नहीं आने दिया गया। बाहर निकलते समय दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई जो देखते ही देखते विवाद में बदल गई।
मौके पर मौजूद पंचायत सहायक की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीपीआरओ ने सहायक विकास अधिकारी पंचायत और एडीओ आईएसबी की दो सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है, जो पूरे घटनाक्रम की जांच कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपेगी। पीड़ित छात्राओं के परिजन बसपा जिलाध्यक्ष निर्मल सिंह सागर के साथ एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह से मिले और शिकायत दर्ज कराई। अब प्रशासन मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में जुट गया है।
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