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Moradabad: विधायक के अल्टीमेटम से नवीन मंडी सभापति और मंडी सचिव सकते में

Moradabad: शासन के आदेश का पालन करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट (मंडी सभापति) और मंडी सचिव ने मझोल नवीन मंडी में कई सौ करोड़ की जमीन को कब्जा मुक्त कराने का अभियान जोर-शोर से शुरू किया।

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Anupam Singh
वाईबीएन

Photograph: (moradabad )

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 मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।  शासन के आदेश का पालन करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट (मंडी सभापति) और मंडी सचिव ने मझोल नवीन मंडी में कई सौ करोड़ की जमीन को कब्जा मुक्त कराने का अभियान जोर-शोर से शुरू किया। मगर जब से धरने पर बैठने के बाद शहर विधायक ने दोनों अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया। उसके अगले दिन उन्होंने कार्रवाई बंद कर दी है। इस पर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं, मंडी के अवैध कब्जेदारों ने जमीन पर कब्जा बनाये रखने के लिए लाखों रुपये एकत्र किये थे। वहीं कुछ दूसरे लोगों का कहना है कि मंडी सभापति और मंडी सचिव विधायक के अल्टीमेटम से डर गई हैं और वह सकते हैं। बहरहाल वजह चाहे जो भी हो। मगर जिस तरह से शासन के आदेशों का अधिकारी उलंघन कर रहे हैं। उससे स्पष्ट है, कहीं ना कहीं कुछ झोलझाल जरूर है। सच्चाई क्या है? बेहतर तो सिटी मजिस्ट्रेट ही बता सकती हैं? 

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जानें क्या है मामला ?

नवीन मंडी मझोला शहर के बीचो-बीच में है। जहां के जमीनों की कीमत 50 हजार रुपये गज से कम नहीं है। मगर जानकर ताज्जुब होगा कि एक-एक लाइसेंस धारी ने तीन 300 से 400 गज जमीन एक्वायर कर रखी है, जिनकी कीमत कई सौ करोड़ में है। ऐसे एक दो लोग नहीं है बल्कि साढ़े 500 लाइसेंस धारी हैं। उनकी यही मनसा है कि इन जमीनों पर अपना वह पक्का निर्माण कर लें। बहरहाल अपनी मनसा में वह सफल भी हो रहे हैं क्योंकि 20-20 साल से वह सरकार की जमीनों पर कब्जा किए हुए हैं और जमीनों के रेट दिन पर प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। हालांकि इस बात की जानकारी जब यूपी सरकार को हुई तो सरकार के मुखिया ने मंडी निदेशालय के निदेशक,मंडी उपनिदेशक, मंडी सभापति, मंडी सचिव सहित जिले के सभी अधिकारियों को आदेश दिया कि 15 मई पहले पहले इन जमीनों को खाली करा लिया जाए। 

वाईबीएन
सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव Photograph: (moradabad )
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 जमीन को कब्जामुक्त कराएंगे, मगर तारीख नहीं बताएंगे: किंशुक 

यंग भारत से बातचीत में सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव ने आज बताया कि अतिक्रमण की कार्रवाई बंद नहीं की गई है बल्कि दुकानदारों के लिए 120 नई दुकानों का लाइसेंस आवंटन और पुरानी दुकानों की मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है, जिसकी स्वकृती नहीं हुई है और इसके बारे में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है कि अतिक्रमण कब हटाया जाएगा या कोई कार्रवाई कब की जाएगी? कोई तारीख नहीं बता सकते है।

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वाईबीएन
Photograph: (moradabad )

 विधायक रितेश गुप्ता ने समर्थकों संग दिया था धरना  

17 अप्रैल को शहर के विधायक रितेश गुप्ता कब्जेदारों के साथ मंडी समिति पहुंच गए थे और धरने पर बैठ गए थे। साथ ही प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन्होंने उल्टा ही सिटी मजिस्ट्रेट से सवाल दाग दिया। जब यहां पर दुकान 250 थी तो लाइसेंस साढ़े 500 और ज्यादा क्यों जारी किया गया। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा हम तो उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश का पालन करना है। इस पर विधायक ने मांग रखी कि जो दुकान तोड़ी गई हैंए उनकी मरम्मत कराई जाए और जब तक लाइसेंस धारी दुकानदारों को नई दुकान का आवंटन हो जाता है तब तक लाइसेंधारियों का जमीनों पर कब्जा बरकरार रहना चाहिए। उसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट वापस लौट गई थी। उसके बाद  से अभी तक  ना कोई कार्यवाही और अतिक्रमण हटाने की बात सामने आई है।

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