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Photograph: (moradabad)
मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश 2047 स्वंय सहायता समूह की महिलाओ के आजीविका संबर्धन के लिए संवाद कार्यक्रम में सेवानिवृत आईएएस दिलीप गुप्ता,सेवानिवृत्त प्रोफेसरओ.के. तिवारी, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक रणवीर सिंह, नेबीसी सखियों कृषि सखी और विद्युत सखियों से उनके द्वारा किए कार्यों पर विचार विमर्श किया और उनकी समस्या जानी।
ड्रोन कें पेड़ो से टकराने की बात पर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने ट्रेनिंग का अभाव बताया
मंगलवार को विकास भवन के बापू सभागार में सरकार के भेजे गए सेवानिवृत्त अधिकारियों में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक रणवीर सिंह ने कृषि सखी किए गए कार्यों के बारे में जानकारी की और उनके सामने आने वाली समस्याओं के बारे पूछा। जिसमें कृषि सखीयों ने ड्रोन को लेकर आने वाली समस्याओं के बारे में बात रखी। ड्रोन की कम क्षमता और ड्रोन को किसानों के खेतों तक लाने ले जाने वाली समस्या पर किसानों द्वारा सहयोग न करने की बात कही गई। ड्रोन कें पेड़ो से टकराने की बात पर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने ट्रेनिंग का अभाव बताया। जिस पर ट्रेनिंग दिलाने का आश्वासन दिया गया। अभी छोटे ड्रोन चलाने की बात कही है। ट्रेनिंग देने वाले ड्रोन से मिले ड्रोन का सिस्टम अलग होने के कारण परेशानियां आ रही हैं। सहजन,नींवू,आमला,जामुन के पौधे लगाने की बात पर जोर दिया।अतिथियों ने गांव के प्रधान को गांव लोकल राजनीति छोड़कर गांव के विकास में लगे तो बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
महिला सदस्यों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए
सेवानिवृत आईएएस दिलीप गुप्ता ने खेती में देश को आगे न बढ़ने का भारतीय किसान यूनियन टिकैत के सिर ठीकरा फोड़ा l स्वंय सहायता समूहों की महिलाओं ने भी अपनी सफलता की कहानियां सुनाई। इसके साथ ही सीएसआर नियमों में ढील की मांग उठाई। राज्य दूतावास योजना (आत्मनिर्भरता,स्वरोजगार) के अंतर्गत आयोजित संवाद कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूहों की कार्यप्रणाली और उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी गई। इस मौके पर विभिन्न महिला सदस्यों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए।
महिला रुपश रानी ने बताया कि समूह से आर्थिक मदद मिलने के बाद उन्होंने रेस्टोरेंट और बच्चों के लिए पीजी हॉस्टल की सुविधा शुरू की है, जिससे उन्हें स्थायी आय हो रही है। विद्युत सखी सारिका विश्नोई ने कहा कि वह प्रत्येक ग्राम पंचायत से बिजली बिल जमा कराने का कार्य कर रही हैं, जिससे परिवार की आजीविका सुचारू रूप से चल रही है।
पशुपालन, ग्रामोद्योग, कृषि और उद्यान जैसे क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने योगदान दिया है
बीसी सखी भारती ने बताया कि पीओएस मशीन से ग्रामीण लोगों की छोटी-छोटी आर्थिक बचत सुरक्षित करने में मदद मिल रही है, जिससे लोग धीरे-धीरे आत्मनिर्भर बन रहे हैं। पशुपालन, ग्रामोद्योग, कृषि और उद्यान जैसे क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने योगदान दिया है।कार्यक्रम में स्वयंसेवी संगठन के गुरविंदर सिंह ने नेत्रदान और देहदान जैसे जागरूकता अभियानों को जनमानस तक पहुंचाने का सुझाव दिया। साथ ही, महिलाओं को मिलने वाले पुरस्कारों व सहभागिता की प्रक्रिया की जानकारी दी गई।एनजीओ और सीएसआर से संबंधित विषयों पर भी चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि छोटे एनजीओ कड़े नियमों के चलते कॉर्पोरेट सीएसआर योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। इसलिए प्रदेश सरकार से मांग की गई कि छोटे एनजीओ को सीएसआर से मदद दिलाने हेतु गाइडलाइन बनाई जाए और नियमों में ढील दी जाए। ए.के. सीमा ने राशन वितरण और मोबाइल एप्लिकेशन संबंधी तकनीकी समस्याओं पर जानकारी दी और कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बाद आर्थिक मदद भी दी जाएगी। वहीं, फाउंडेशन द्वारा जैविक खाद को बढ़ावा देने और राशन वितरण में पारदर्शिता की बात कही गई।प्रदेश सरकार द्वारा 2025 तक स्वयं सहायता समूहों को क्रेडिट स्कोर आधारित बैंक लोन सुविधा उपलब्ध कराने की भी योजना है, जिससे महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर और अधिक बल मिलेगा।
कार्यक्रम में डीसी एनआरएलएम आर पी भगत, जिला समाज कल्याण अधिकारी हर्ष मवार, डीपीआर आ आलोक कुमार शर्मा,भूमि संरक्षण अधिकारी डॉ.योगेंद्र कुमार, समेत अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे l
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