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अपने बीमार बाप को सहारा देती अलीशा
मुरादाबाद:सपनों की उड़ान तब भी नहीं रुकी जब हालातों ने अलीशा के रास्ते मुश्किलों से भर दिए। तीन साल पहले पिता के एक्सीडेंट के बाद जिम्मेदारियों का पहाड़ अलीशा के सिर पर टूट पड़ा, लेकिन अलीशा ने हिम्मत नहीं हारी। अलीशा ने अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए ऑटो रिक्शा का हैंडल संभाल लिया और सड़कों पर निकल पड़ीं।
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अपने परिवार की जिम्मेदारी निभाने निकली लड़की
अलीशा अपने परिवार में सबसे बड़ी है,परिवार में अलीशा समेत 4 बहने शिजरा,अल्फीशा, व बुशरा शामिल हैं जिसमें बुशरा मूक बाधिर है व भाई अब्दुल रहमान अभी छोटा है। पिता जफर का एक्सीडेंट होने के बाद जफर की दोनों टांगे खराब हो गई थी जिसके बाद परिवार की माली हालत खराब हो गई। और खाना खाने के लिए भी पैसे नहीं बचे। जिसके बाद अलीशा ने परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया।
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सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अगवानपुर में किराए के मकान में रहती है अलीशा ने जानकारी देते हुए बताया कि घर की आर्थिक तंगी को देखते हुए परिवार के लिए कुछ करने की ठान ली,घर में छोटी बहने ओर भाई की जिम्मेदारी उठाने का फैसला लिया। मेरे पापा ड्राइवर रहे हैं उन्होंने ही ड्राइविंग सिखाई थी। फिर मैने ड्राइविंग करके अपने मां बाप को सहारा देने का मन बना लिया। पापा का एक्सीडेंट होने के बाद वो अक्सर बीमार ही रहते हैं जिनके इलाज के लिए भी हमारे पास पैसे नहीं थे। जिसके बाद किराए का ऑटो रिक्शा लेकर सड़क पर निकली हूं। अपनी छोटी बहनों की शादी भी करानी है। इसलिए ऑटो रिक्शा चलाकर पैसे इकठ्ठा करना शुरू कर दिया है। फिलहाल 600 से 800 रुपए प्रतिदिन तक कमा लेती हूं। अब परिवार का खर्चा सही चल रहा है।
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