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Moradabad: “नगर निगम में सेवा दी और सजा मिली” वाल्मीकि समाज के नेता ने प्रशासन पर लगाया आरोप

Moradabad: नगर निगम के पूर्व कर्मचारी एवं वर्तमान में एक सक्रिय सामाजिक व धार्मिक संगठन के प्रमुख, जो भारत के 18 प्रान्तों में संगठनात्मक कार्यों के माध्यम से वाल्मीकि समाज एवं अन्य दलित समुदायों की आवाज़ बुलंद कर रहे हैं।

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shivi sharma
वाईबीएन

फोटो लल्ला बाबू द्रविड़ Photograph: (MORADABAD )

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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।  नगर निगम के पूर्व कर्मचारी एवं वर्तमान में एक सक्रिय सामाजिकधार्मिक संगठन के प्रमुख, जो भारत के 18 प्रान्तों में संगठनात्मक कार्यों के माध्यम से वाल्मीकि समाज एवं अन्य दलित समुदायों की आवाज़ बुलंद कर रहे हैं, पर नगर निगम प्रशासन द्वारा पार्क पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया गया है। हाल ही में 29 व 30 अप्रैल को स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि नगर निगम ने इनसे एक पार्क को मुक्त कराया है।

वहां उनका कोई निजी सामान पाया गया है

पूर्व नगर निगम कर्मचारी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि रिटायरमेंट के बाद किसी पार्क में बैठना या संगठन की बैठक करना कोई कब्जा नहीं होता। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी पार्क या शौचालय पर काबिज नहीं हैं और न ही वहां उनका कोई निजी सामान पाया गया है। पार्कों में रखे गए कूड़े के ठेले, झाड़ू, व अन्य सफाई उपकरण नगर निगम की वार्ड स्तर की सफाई व्यवस्था के लिए सामान्यतः प्रयोग होते हैं और ये सामान नगर निगम का ही है, न कि उनका व्यक्तिगत।

कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं है

उन्होंने कहा, "यदि किसी पार्क में नगर निगम के सफाई संबंधी उपकरण रखे गए हैं, तो वह प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा है। मेरा उनसे कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं है। पूरे शहर में अनेक स्थानों पर ऐसे ठेले व उपकरण नगर निगम की ओर से रखे गए हैं।"

छवि को धूमिल करने का षड्यंत्र कर रहे हैं

पूर्व कर्मचारी ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ दलाल किस्म के लोग जानबूझकर नगर निगम प्रशासन को गुमराह कर रहे हैं और उनकी छवि को धूमिल करने का षड्यंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस झूठे प्रचार से न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से बल्कि उनके सामाजिक व धार्मिक संगठन को भी भारी क्षति पहुंच रही है।

मेरे परिवार को जान का खतरा है

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उन्होंने मंडल आयुक्त से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा, "यदि मेरे साथ कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए नगर निगम प्रशासन जिम्मेदार होगा। मुझे और मेरे परिवार को जान का खतरा है। मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि मेरे खिलाफ लगाए गए निराधार आरोपों की निष्पक्ष जांच कराकर मुझे न्याय दिलाने की कृपा करें।"

इस मामले को लेकर वाल्मीकि समाज सहित दलित संगठनों में भी आक्रोश देखा जा रहा है और सभी ने प्रशासन से उचित कार्यवाही की मांग की है।

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