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Committee Recommendation: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के पांच बिल्डरों ने मांगा जीरो पीरियड का लाभ

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के पांच बिल्डर परियोजनाओं ने अमिताभ कांत समिति के तहत मिलने वाले लाभ की मांग की है। इनका मामला राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और कोर्ट में विचाराधीन है। 

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Mukesh Pandit
dr Arunveer singh
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ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क।

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के पांच बिल्डर परियोजनाओं ने अमिताभ कांत समिति के तहत मिलने वाले लाभ की मांग की है। इनका मामला राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और कोर्ट में विचाराधीन है।  इन प्रोजेक्टों में फंसे करीब साढ़े चार हजार खरीदारों को कोई लाभ नहीं मिल पाया है। इन पर प्राधिकरण का करीब 2800 करोड़ से अधिक का बकाया है। 

6 प्रोजेक्ट में 2500 से अधिक रजिस्ट्री

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 11 बिल्डर परियोजनाएं हैं। इनमें से छह परियोजनाओं ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ लेते हुए 25 प्रतिशत राशि जमा करा दी, इन छह प्रोजेक्ट में जनवरी तक 2500 से अधिक रजिस्ट्री होने का दावा किया गया है, लेकिन पांच बिल्डर परियोजना ऐसी है, जो एनसीएलटी या कोर्ट में विचाराधीन है, इन प्रोजेक्टों में फंसे करीब साढ़े चार हजार खरीदारों को कोई लाभ नहीं मिल पाया है। इनमें सेक्टर-22डी स्थित ओरिस डेवलपर, सेक्टर-22डी सनवर्ल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर, सेक्टर-22ए अजनारा इंडिया लिमिटेड, सेक्टर-22डी सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट लिमिटेड और सेक्टर-17ए सुपरटेक लिमिटेड शामिल है। इन पर प्राधिकरण का करीब 2800 करोड़ से अधिक का बकाया है। 

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बकाया चुकाकर खरीदारों को राहत देने का आश्वासन

सीईओ ने बताया कि इन प्रोजेक्टों ने प्राधिकरण से अमिताभ कांत समिति के तहत जीरो पीरियड का लाभ देने का निवेदन किया है। दावा किया है कि लाभ मिलने पर वह अपने केस वापस ले लेंगे और बकाया चुकाकर फंसे खरीदारों को राहत देंगे। इस मामले में प्राधिकरण ने विचार करते हुए इस प्रस्ताव को प्राधिकरण की आगामी बोर्ड बैठक में रखने का निर्णय लिया है। अधिकारियों के मुताबिक यह प्रस्ताव अच्छा है, लेकिन आसानी से सुलझने वाला नहीं है, ऐसे में इसपर बोर्ड में ही कोई फैसला लिया जा सकता है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी 20 से अधिक ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जो एनसीएलटी या कोर्ट में विचाराधीन है। यदि यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इन पांच बिल्डरों को यह लाभ मिल जाता है, तो इससे नोएडा व ग्रेनो के प्रोजेक्टों में भी खरीदारों को राहत मिल सकेगी।

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