नोएडा, वाईबीएन न्यूज। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी “नया नोएडा” परियोजना को लेकर उद्योग जगत में उत्सुकता के साथ-साथ कई सवाल खड़े हो रहे हैं। एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पूछा है कि यह परियोजना औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम 1976 के तहत विकसित होगी या औद्योगिक विकास अधिनियम 1973 के तहत। नाहटा ने कहा कि चूंकि यह क्षेत्र NCR (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) का हिस्सा है, इसलिए इसे NCR योजना बोर्ड अधिनियम 1985 से मंजूरी लेना जरूरी है। अन्यथा भविष्य में यह कानूनी और प्रशासनिक जटिलताओं में फंस सकता है।
80 गांवों का अधिग्रहण और छह लाख आबादी
परियोजना के पहले चरण में 3165 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। चार चरणों में कुल 20,911 हेक्टेयर क्षेत्र विकसित किया जाएगा। प्राधिकरण के मुताबिक यहां 6 लाख लोगों की आबादी बसाने का लक्ष्य है। लेकिन एसोसिएशन का कहना है कि आबादी निर्धारण के लिए कोई वैज्ञानिक मानक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
किसानों का मुआवजा और रोजगार
एसोसिएशन ने किसानों के मुआवजे और पुनर्वास पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केवल धनराशि नहीं, बल्कि रोजगार और पुनर्वास की गारंटी भी जरूरी है। फिलहाल 15 गांवों में सहमति आधारित जमीन खरीद की योजना लागू की जा रही है। जानें एसोसिएशन की ओर से और क्या मांगें की गई हैं
- MSME उद्योगों की मांग
- औद्योगिक प्लॉट में MSME कोटा
- टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो पार्ट्स क्लस्टर
- बिजली-पानी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम
- श्रमिकों के लिए सस्ती कॉलोनियाँ
उद्योग जगत चाहता है स्पष्ट नीति
नाहटा ने कहा कि “नया नोएडा” को केवल भूमि अधिग्रहण तक सीमित न रखकर इसे वैश्विक औद्योगिक शहर बनाया जाए, जिसमें
मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट, आईटी पार्क और ग्रीन इंडस्ट्री शामिल हों। यह
परियोजना उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी औद्योगिक योजना बताई जा रही है। उद्योग जगत चाहता है कि सरकार अधिनियम, NCR मंजूरी, किसानों के हित और MSME सेक्टर पर जल्द स्पष्ट नीति बनाए।
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