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Big Cyber Fraud in Noida: 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर वकील से 3.29 करोड़ ठगे

नोएडा में 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर 72 वर्षीय महिला वकील से ₹3.29 करोड़ की ठगी हुई है। 75 वर्षीय बुजुर्ग से ₹49.5 लाख की साइबर ठगी। जानें पूरा मामला।

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Dhiraj Dhillon
Cyber Crime in Bengaluru

Photograph: (Google)

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नोएडा, वाईबीएन डेस्क। Cyber Crime In Noida: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नोएडा में 72 वर्षीय वरिष्ठ महिला वकील को 'डिजिटल अरेस्ट' में फंसाकर 3.29 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। वहीं, एक अन्य मामले में 75 वर्षीय बुजुर्ग से 49.5 लाख रुपये ठग लिए गए। साइबर क्राइम को लेकर तमाम जानकारी दिए जाने के बाद भी महिला वकील का डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगा जाना यह बताता है कि हम लोग कितने लापरवाह हैं, और साइबर क्राइम से आपको केवल जागरूकता ही बचा सकती है। असल में डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ होता ही नहीं, यह एक छलावा मात्र है। कोई भी एजेंसी या पुलिस कभी किसी को डिजिटल अरेस्ट नहीं करती।

महिला वकील से ऐसे हुई ठगी

साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के अनुसार, वकील हेमंतिका वही ने अपनी शिकायत में बताया कि 10 जून को उन्हें एक कॉल आया। कॉलर ने बताया कि उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग कर चार फर्जी बैंक खाते खोले गए हैं और इन खातों का इस्तेमाल जुआ, ब्लैकमेलिंग और अवैध हथियारों की खरीद में किया जा रहा है।इसके बाद उन्हें एक फोन नंबर दिया गया, जहां कॉल करने पर उन्हें बताया गया कि वे गंभीर अपराध में शामिल हैं। पीड़िता ने आरोप लगाया कि इसके बाद उन्हें एक नकली पुलिस स्टेशन से लगातार कॉल आने लगे और उनसे उनके बैंक खातों में जमा राशि की जानकारी ली गई। इसी बहाने से उनसे ₹3.29 करोड़ की ठगी कर ली गई।

बुजुर्ग को 12 दिन तक रखा 'डिजिटल अरेस्ट' में:

डीसीपी (साइबर क्राइम) प्रीति यादव ने बताया कि सेक्टर-29 निवासी 75 वर्षीय राजीव कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। 18 जून को उन्हें लैंडलाइन पर कॉल आया, जिसमें बताया गया कि उनके फोन नंबर और आधार कार्ड से चार बैंक खाते खोले गए हैं और उनका इस्तेमाल ड्रग्स, मानव तस्करी और आतंकी गतिविधियों में मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हो रहा है। कॉलर ने धमकी दी कि उनका नंबर दो घंटे में बंद कर दिया जाएगा।
डरे-सहमे राजीव ने मदद की गुहार लगाई तो उन्हें "गोपनीय समझौते" का झांसा देकर कहा गया कि इस बारे में किसी को न बताएं। उन्हें 12 दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा गया और इस दौरान तीन किश्तों में ₹49.5 लाख रुपये अलग-अलग खातों में जमा करवाए गए।
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