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नोएडा, वाईबीएन संवाददाता।नोएडा के इंफ्रास्ट्रचर की कमी है या प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस की अदूरदर्शिता कि बारिश होते ही शहर में जाम की स्थिति भयावह हो जाती है। यातायात को नियंत्रण करने में पुलिस का दम फूलने लगता है। गुरुवार को अधिकांश चौराहों और प्रमुख मार्गों पर यही नजारा देखने को मिला। तेज़ बारिश के बाद सड़कों पर भरा पानी, लंबा ट्रैफिक जाम और बेसमेंट में डूबी गाड़ियां…लोग परेशान, बिल्डर लापता और प्रशासन बेपरवाह।
नोएडा में जलभराव से हाहाकार
उत्तर प्रदेश के सबसे आधुनिक और स्मार्ट सिटी माने जाने वाले नोएडा ऐसा शहर जहां लाखों लोग बेहतर भविष्य और नौकरी की उम्मीद लेकर आते हैं। लेकिन हालत ऐसे हैं कि हल्की बारिश भी यहां की व्यवस्थाओं की पोल खोल देती है। सड़कों पर पानी, चौराहों पर जाम और सोसायटीज़ के बेसमेंट तक में घुटनों तक भरा पानी। तो क्या ये स्मार्ट सिटी की पहचान है या फिर लापरवाह प्लानिंग का नतीजा। नोएडा से लेकर प्रयागराज और गाजियाबाद तक लोगों की ज़िंदगी मुश्किल में डाल दी है।" बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात में रुकावट और लोगों को परेशानी हो रही है। कई जगहों पर जलभराव की सूचना है, खासकर सेक्टर 62, 63 और अन्य निचले इलाकों में।
सोसाइटी में रहने वाले लोगों की गाड़ियां पानी में डूबीं
ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित सोसाइटी में रहने वाले लोगों की गाड़ियां पानी में डूब गई। देर रात हुई बारिश ने बेसमेंट में खड़ी गाड़ियों को डुबो दिया। निवासियों का आरोप है कि उन्होंने लाखों रुपए लगाकर फ्लैट लिया था समिति में हल्की सी बारिश में ही बेसमेंट में पानी भर गया पानी के निकलने की कोई भी बिल्डर की ओर से व्यवस्था नहीं की गई है जिससे उन्हें हर बारिश में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सोसाइटियों के बेसमेंट में पानी भरा
श्री राधा स्काई गार्डन ,महागुण माईवुड्स, गैलेक्सी रॉयल,अजनारा होम्स, सुपरटेक इको विलेज सहित दर्जनों सोसाइटियों में पानी बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण लोगों को अपनी गाड़ियों को निकालने में सुबह कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। ऑफिस के लिए तैयार होकर निकले लोगों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा। कई निवासियों की आदि गाड़ियां पानी में डूब गई जिससे उनकी गाड़ियों को गद्दियां गीली हो गई। निवासियों ने बताया कि बिल्डर की ओर से उन्हें धोखा दिया गया है। नोएडा, गाजियाबाद और प्रयागराज—तीनों शहरों में हालात एक जैसे हैं। सड़कें तालाब बन गईं, गाड़ियां पानी में डूब गईं, और आम लोग बेहाल नजर आए।लाखों रुपए में खरीदे गए फ्लैट्स में रहने वाले लोग जब हर बार बारिश के बाद बिल्डर और प्रशासन के बीच फंसे नज़र आते हैं, तो सवाल उठता है—स्मार्ट सिटी का मतलब क्या सिर्फ ऊंची इमारतें हैं या बुनियादी सुविधाएं भी शामिल हैं? Greater Noida News | greater noida industry | greater noida | Noida airport | Noida Authority | noida city