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Noida News: 'से नो टू प्लास्टिक' कैंपन के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने किया आम लोगों को जागरूक, दिलाई लोगों को शपथ

सिंगल यूज प्लास्टिक एवं पॉलिथीन को अपने दैनिक जीवन से हटाने एवं पर्यावरण को सुरक्षित करने के मुख्य उद्देश्य से  हायरैंक बिजनेस स्कूल नोएडा, द्वारा 'से नो टू प्लास्टिक' और  'से नो टू स्मोकिंग कैंपेन' चलाया गया।

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Mukesh Pandit
'Say No to Plastic' campaign in Noida

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नोएडा, वाईबीएन संवाददाता। सिंगल यूज प्लास्टिक एवं पॉलिथीन को अपने दैनिक जीवन से हटाने एवं पर्यावरण को सुरक्षित करने के मुख्य उद्देश्य से सोमवार को  हायरैंक बिजनेस स्कूल नोएडा, द्वारा 'से नो टू प्लास्टिक' और  'से नो टू स्मोकिंग कैंपेन' चलाया गया, जिसमें छात्र और छात्राओं द्वारा आम जनमानस को जागृत किया गया और सभी बच्चों को सिंगल यूस प्लास्टिक और नो स्मोकिंग के लिए शपथ दिलवाई है। स्लोगन लिखे बैनर लेकर छात्र-छात्राओं ने लोगों को इनके प्रति जागरूक किया।

No smoking campain in noida

छात्र और छात्राओं को दिलाई गई शपथ

इस मौके पर बिजनेस स्कूल के चेयरमैन प्रोफेसर राजेश सहाय ने कहा कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए प्रदूषणकारी है, प्लास्टिक हलका, मनभावन व सुविधाजनक है, हर घर में हर व्यक्ति के चलन में है, इस पर कड़े प्रतिबंध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर साल 30 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, जिसमें से लगभग 80 लाख टन महासागर में जा गिरता है।पिछले 50 वर्षों में, प्लास्टिक उत्पादन 22 गुना से अधिक बढ़ गया है। उन्होंने 75 माइक्रोन से नीचे के प्लास्टिक का पूर्णतया त्याग करने की अपील की। इस मौके परचेयरमैन प्रोफेसर राजेश सहाय, प्रिंसिपल डॉक्टर प्रगति सक्सेना और इवेंट कॉर्डिनेटर प्रोफेसर दीपक सिंह भदौरिया ने छात्र और छात्राओं को शपथ दिलाई गई।

समुद्र तक पहुंचकर जीव-जंतुओंको नुकसान पहुंचाया है प्लास्टिक कचरा

प्रिंसिपल डॉक्टर प्रगति सक्सेना ने कहा कि नदियों के माध्यम से प्लास्टिक कचरा महा समंदर तक पहुंच कर समुद्री जीव जंतुओं को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक सर्वे में बताया गया है कि आने वाले 2050 तक यदि यही स्थिति रही तो जलीय जीव के वजन के 2 गुना अधिक प्लास्टिक कचरे का वजन समुद्र में होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर वैकल्पिक चीजें जैसे पेपर के कप, पेपर ग्लास, पत्तों से बने दोने, मिट्टी से बने कुल्हड़, सुराही, लकड़ी से बने कटलरी आयटम एवं स्टिक्स आदि का उपयोग किया जाए।

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