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छह लेन एलिवेटड 8 ऑनग्राउंड होगा एक्सप्रेस वे, बोर्ड में लाया जा रहा प्रस्ताव

भविष्य में नोएडा एयरपोर्ट और एक्सप्रेस वे ट्रैफिक भार को कम करने के लिए यमुना पुश्ता पर एलिवेटड या आनॅग्राउंड एक्सप्रेस वे बनाने पर विचार किया जा रहा है। प्राधिकरण पहली बार इस योजना को बोर्ड में लाने जा रहा है। 

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YBN News
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नोएडा, वाईबीएन संवाददाता। 

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भविष्य में नोएडा एयरपोर्ट और एक्सप्रेस वे ट्रैफिक भार को कम करने के लिए यमुना पुश्ता पर एलिवेटड या आनॅग्राउंड एक्सप्रेस वे बनाने पर विचार किया जा रहा है। प्राधिकरण पहली बार इस योजना को बोर्ड में लाने जा रहा है। ये प्रस्ताव योजना को एनएचएआई को देने से संबंधित होगा। बतौर प्राधिकरण इस योजना की प्राथमिकता के बारे में बताया।

ट्रैफिक का दवाब होगा कम

 प्राधिकरण ने बताया कि वर्तमान में एक्सप्रेस वे के दोनों ओर औद्योगिक संस्थागत और वाणिज्यिक क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहे है। इसके अलावा यमुना एक्सप्रेस वे  लखनऊ एक्सप्रेस वे , पूर्वांचल एक्सप्रेस वे आदि के कारण नोएडा एक्सप्रेस वे पर भार बढ़ा है। साथ ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने से यहां वाहनों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी। इस स्थिति यमुना पुश्ता पर एक्सप्रेस वे समानांतर एलिवेटड रोड ट्रैफिक के लोड को कम करेगी। साथ ही वाहन चालकों को जाम नहीं झेलना होगा।  

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प्राधिकरण की ये है योजना

प्राधिकरण ने बताया कि ये वैकल्पिक मार्ग छह लेन एलिवेटड या 8 लेन ग्राउंड लेवल पर होगा। ये मार्ग ओखला बैराज से हिंडन यमुना होते हुए यमुना एकसप्रेस वे तक जाएगा। इस योजना को बनाने के लिए हिंडन यमुना दोआब होते हुए हिंडन नदी को पार करते हुए यमुना एक्सप्रेस वे तक दो स्थानों पर प्रवेश और निकास के लिए लूप या अंडरपास बनाने की आवश्यता होगी। यानी लूप या अंडरपास सेक्टर-168 एफएनजी को कनेक्ट करने के लिए । दूसरा सेक्टर-150 में सेक्टर-149ए व सेक्टर-150 के बीच 75मीटर चौड़ी सड़क को कनेक्ट करने के लिए।   

इससे होगा ये फायदा

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इस रोड के बनने से दिल्ली हरियाणा की ओर जाने वाला व ग्रेटरनोएडा यमुना एक्सप्रेस वे एवं अन्य शहरों को जाने वाला यातायात नोएडा में बिना प्रवेश किए उक्त एक्सप्रेस वे से सीधे गुजर जाएगा। भविष्य में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओर जसने वाला ट्रैफिक सुगम होगा। आगरा ,लखनऊ के जने वाले लोगों को आसानी होगी।  प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सकेगा। 

योजना के लिए चुनौती

इय योजना के लिए निर्माण के लिए सिचाईं विभाग से एनओसी प्राप्त करना होगा। 
परियोजना के लिए ट्रैफिक सर्वेक्षण, फिजिबिलिटी रिपोर्ट, डीपीआर के लिए एनएचएआई को राजी करना।

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