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आरओ एआरओ पेपर लीक प्रकरण में जेल जा चुकीं पूर्व प्रिंसिपल पर 50 लाख रुपये गबन का मुकदमा

आरओ-एआरओ पेपर लीक प्रकरण में जेल जा चुकीं बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल पारुल सोलोमन एक बार फिर गंभीर आरोपों में घिर गई हैं। उन पर स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों के करीब 50 लाख रुपये के भविष्य निधि (PF) गबन का आरोप लगा है।

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Abhishak Panday
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पूर्व प्रिंसिपल पारुल सोलोमन की फाइल फोटो Photograph: (सोशल मीडिया)

प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता। आरओ-एआरओ पेपर लीक प्रकरण में जेल जा चुकीं बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल पारुल सोलोमन एक बार फिर गंभीर आरोपों में घिर गई हैं। उन पर स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों के करीब 50 लाख रुपये के भविष्य निधि (PF) गबन का आरोप लगा है। कोर्ट के आदेश पर 14 अक्टूबर को कर्नलगंज थाने में पारुल सोलोमन और उनके देवर एलिक्स जेंडर मसीह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनके खिलाफ बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज की वर्तमान प्रिंसिपल शर्ली मसीह ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर आरोप लगाया कि पारुल सोलोमन ने अपने कार्यकाल में शिक्षकों और कर्मचारियों के पीएफ की रकम बैंक में जमा नहीं की। उन्होंने बताया कि पारुल ने 1 अप्रैल 2022 को प्रधानाचार्या का कार्यभार संभाला था। शुरू में एक महीने तक बैंक के माध्यम से भुगतान हुआ, लेकिन इसके बाद बैंक खाता बंद कर दिया गया। जुलाई 2024 तक किसी का भी पीएफ जमा नहीं किया गया। आरोप है कि पारुल ने अपने देवर एलिक्स जेंडर मसीह की मिलीभगत से योजनाबद्ध तरीके से करीब 50 लाख रुपये का गबन कर लिया।

आरओ-एआरओ पेपर लीक कांड में भी था नाम

साल 2024 में आयोजित यूपी लोक सेवा आयोग की आरओ-एआरओ परीक्षा पेपर लीक मामले में भी पारुल सोलोमन की भूमिका सामने आई थी। जांच में यह खुलासा हुआ था कि उनकी मिलीभगत से बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल परीक्षा केंद्र से पेपर लीक हुआ था। एसटीएफ ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हालांकि फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं।

ईपीएफओ से हुआ खुलासा

प्रिंसिपल शर्ली मसीह ने बताया कि शिक्षकों की शिकायत पर उन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ईपीएफओ से जानकारी मांगी। वहां से जवाब मिला कि अप्रैल 2022 से जुलाई 2024 तक किसी भी कर्मचारी का पीएफ जमा नहीं हुआ। इससे स्पष्ट हुआ कि लाखों रुपये का गबन किया गया है। उन्होंने बताया कि पारुल सोलोमन स्कूल की फीस कैश में वसूलती थीं और उसी राशि से शिक्षकों को बाउचर के माध्यम से भुगतान करती थीं। इतना ही नहीं, अपनी सैलरी भी खुद ही अप्रूव्ड करती थीं। इन बाउचरों की प्रतियां कोर्ट में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गई हैं।

पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, तब कोर्ट पहुंचीं प्रिंसिपल

शर्ली मसीह ने पहले 6 जुलाई और 20 जुलाई 2024 को पुलिस अधिकारियों को शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद 10 मार्च 2025 को उन्होंने पुलिस कमिश्नर को रजिस्ट्री के माध्यम से आवेदन भेजा, फिर भी मामला दर्ज नहीं हुआ। आखिरकार उन्होंने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए थाना कर्नलगंज से रिपोर्ट तलब करते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर 14 अक्टूबर को पारुल सोलोमन और एलिक्स जेंडर मसीह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कर्नलगंज पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, एफआईआर में धोखाधड़ी, विश्वासघात और सरकारी धन के गबन से जुड़े गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस अब बैंक खातों, कैश बाउचरों और ईपीएफओ के रिकॉर्ड खंगाल रही है।

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