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Crime News: गुप्तकालीन पथरबंदी महादेव मंदिर में रहस्यमयी खुदाई, खजाने की अफवाह से मचा हड़कंप

प्रयागराज के बारा थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत छीड़ी स्थित गुप्तकालीन प्राचीन पथरबंदी महादेव मंदिर में शनिवार की रात हुई संदिग्ध खुदाई ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी।

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Abhishek Panday
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गुप्तकालीन प्राचीन पथरबंदी महादेव मंदिर में हुई संदिग्ध खुदाई के बाद जुटी ग्रामीणों की भीड़, मौके पर जांच करती पुलिस। Photograph: (वाईबीएन)

प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता। प्रयागराज के बारा थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत छीड़ी स्थित गुप्तकालीन प्राचीन पथरबंदी महादेव मंदिर में शनिवार की रात हुई संदिग्ध खुदाई ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। माना जा रहा है कि कुछ अज्ञात लोगों ने रात के अंधेरे में मंदिर के पीछे गुप्त रूप से मिट्टी खोदी, जिससे मंदिर की दीवार को हल्का नुकसान भी पहुंचा है। रविवार को घटना की जानकारी होने पर ग्रामीणों की भीड़ मंदिर परिसर में उमड़ पड़ी। सूचना पर बारा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने खुदाई हाल ही में होने की पुष्टि की है। फिलहाल अज्ञात लोगों की तलाश जारी है।

खजाने की अफवाह बनी चर्चा का केंद्र

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वर्षों से यह अफवाह चल रही है कि मंदिर के नीचे किसी गुप्त खजाने का भंडार दबा हुआ है। इसी किवदंती के चलते कुछ लोग धन की लालसा में मंदिर परिसर में खुदाई करने पहुंचे होंगे। मंदिर की स्थापत्य शैली प्रसिद्ध खजुराहो के सूर्य मंदिर से मेल खाती है, जबकि इसकी दीवारों पर खुदे प्राचीन शिलालेख इसके गुप्तकालीन इतिहास की पुष्टि करते हैं।

भूमिगत सुरंग का रहस्य

ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित परवेजाबाद गांव का मंडपिया ढांचा इस महादेव मंदिर से भूमिगत सुरंग द्वारा जुड़ा बताया जाता है। इस रहस्य ने स्थानीय लोगों की जिज्ञासा को वर्षों से जीवित रखा है।

ग्रामीणों की आस्था और प्रशासन की चौकसी

ग्राम प्रधान सतीश गुप्ता ने बताया कि यह महादेवालय गुप्तकालीन है और हर पौष एवं फाल्गुन तेरस पर यहां विशाल मेला आयोजित होता है। मंदिर न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि हमारी विरासत और आस्था का प्रतीक भी है। वहीं स्थानीय इतिहासप्रेमी श्रवण कुमार शुक्ला ने कहा कि पास के मंडपिया किले और इस मंदिर का ऐतिहासिक संबंध अब भी शोध का विषय है, ऐसे में इस प्रकार की घटनाएं विरासत के साथ खिलवाड़ हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि पुरातत्व विभाग द्वारा मंदिर की औपचारिक जांच कराई जाए ताकि इसके वास्तविक ऐतिहासिक महत्व और संरचना की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। स्थानीय लोगों का कहना है कि चाहे खजाना हो या न हो, पथरबंदी महादेव मंदिर स्वयं इतिहास, संस्कृति और आस्था का जीवंत प्रतीक है, जिसकी सुरक्षा हर नागरिक का दायित्व है।

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पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

घटना की सूचना पर इंस्पेक्टर बारा विनोद कुमार सोनकर ने मौके का निरीक्षण कर मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने और रात में गश्त तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अज्ञात तत्वों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

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