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प्रयागराज में खाद्य विभाग में स्थानांतरण आदेशों की अनदेखी, कर्मचारियों को कार्यमुक्त न किए जाने पर कमिश्नर से शिकायत।
प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता। प्रयागराज खाद्य एवं रसद विभाग प्रयागराज में स्थानांतरण आदेशों के बावजूद कई कर्मचारियों को कार्यमुक्त न किए जाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में कमिश्नर, खाद्य एवं रसद विभाग, लखनऊ को एक शिकायत पत्र भेजा गया है जिसमें विभागीय लापरवाही और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
प्रमोशन के बाद ट्रांसफर लेकिन नहीं हुआ स्थानातरण
शिकायतकर्ता ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि प्रयागराज मंडल में तैनात सम्भागीय खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा स्थानांतरित कर्मचारियों को जानबूझकर कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। यह भी आरोप है कि विभाग में 2013 से पदस्थ सुनील कनौजिया, जिन्हें 6 महीने पहले लिपिक पद से प्रमोशन देकर विपणन निरीक्षक बनाकर कानपुर स्थानांतरण किया गया लेकिन अभी तक उनको रिलीव नहीं किया गया। कई वर्षों से प्रयागराज में ही तैनात हैं। बताया गया है कि वे अपने गृह जनपद में भी अधिकारियों से मिलीभगत कर क्रय केंद्रों का संचालन कर रहे हैं। इसी तरह विभाग में तैनात निरीक्षक वंदना सिंह का भी ट्रांसफर होने के बाद उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया है।
कमाई के लिए अधिकारियो पर संरक्षण देने का आरोप
पत्र में यह भी कहा गया है कि वर्तमान स्थानांतरण वर्ष में कई विपणन निरीक्षकों का तबादला किया गया है, परंतु उन्हें कार्यमुक्त आदेश के बावजूद कार्यमुक्त नहीं किया गया। इससे न केवल उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना हो रही है, बल्कि मंडल में भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिल रहा है। शिकायतकर्ता ने कमिश्नर से अनुरोध किया है कि ऐसे सभी कर्मचारियों को तत्काल मंडल से कार्यमुक्त कराया जाए ताकि विभाग में पारदर्शिता और अनुशासन स्थापित हो सके। इस मामले को लेकर विभागीय कर्मचारियों में भी असंतोष देखा जा रहा है। उनका कहना है कि कुछ चुनिंदा अधिकारियों और कर्मचारियों को संरक्षण देकर नियमों की अनदेखी की जा रही है, जिससे ईमानदार कर्मियों का मनोबल गिर रहा है।
RMO ने कहा हाईकोर्ट का काम देखते हैं, इसलिए नहीं हुए कार्यमुक्त
वहीं सुनील कनौजिया के ट्रांसफर न किए जाने को लेकर आरएमओ का कहना है कि उन्हें लखनऊ से खाद्यान्न विभाग ने ही रोका है, वह हाईकोर्ट के केस के काम देखते हैं इसलिए उनकों पदमुक्त नहीं किया गया है। इसीलिए उनसे केंद्रों का संचालन का भी कार्य लिया जा रहा है। हालांकि मामला चाहे जो भी हो लेकिन सूत्रों का कहना है कि अफसरों ने अपने चहेतों को ट्रांसफर के बाद भी यहीं रखने के लिए जुगाड़ लगाकर रोकने का यह तरीका निकाला है जिससे उनके चहतों को रिलीव न किया जा सके।
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