/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/25/allahabad-high-court-2025-08-25-21-11-40.jpg)
वैध स्थगनादेश आदेश के विपरीत चुनाव शून्य
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसी सक्षम प्राधिकारी के वैध आदेश की अवहेलना नहीं की जा सकती। उसके विपरीत कोई कार्रवाई शून्य होगी। कोर्ट ने जौनपुर के पब्लिक इंटर कॉलेज केराकत की प्रबंध समिति के चुनाव को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक के वैध स्थगन आदेश का उल्लंघन कर प्रबंध समिति का चुनाव किया गया है। इसलिए इसे मान्यता नहीं दी जा सकती। यह आदेश न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की एकल पीठ ने पब्लिक इंटर कॉलेज, केराकत की प्रबंध समिति की याचिका पर दिया। समिति की सदस्यता सूची को लेकर दो ग्रुपो में विवाद है।
2025-26 सत्र के लिए याचिकाकर्ताओं और प्रतिवादियों ने सदस्यों की सूचियां प्रस्तुत कीं, सहायक निबंधक, फर्म्स, सोसाइटीज और चिट्स, वाराणसी ने 21 मई 2025 को नोटिस जारी किया। सदस्यता सूची में विवाद के मद्देनजर जिला विद्यालय निरीक्षक ने 22 मई 2025 को एक आदेश पारित कर 23 मई 2025 को होने वाले चुनाव को स्थगित कर दिया था। याची प्रबंध समिति को पुलिस ने स्थगन आदेश की जानकारी दी और उन्हें कॉलेज परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इसके बावजूद याचियों ने 23 मई 2025 को कॉलेज परिसर मे आवास पर चुनाव आयोजित किया। और मान्यता देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
कोर्ट ने कहा निरीक्षक ने विवादित मतदाता सूची के कारण चुनाव पर रोक लगाने का आदेश अपने अधिकार क्षेत्र में दिया था। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि डीआईओएस का 22 मई 2025 का स्थगन आदेश और 31 मई 2025 का एकल संचालन का आदेश वैध प्रशासनिक उपाय थे और इन्हें बरकरार रखा जाता है। एकल संचालन का आदेश कर्मचारियों के वेतन के भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए के लिए पारित किया गया था। 23 मई 2025 को आयोजित चुनाव अवैध और शून्य है क्योंकि इसे स्थगन आदेश के उल्लंघन में किया गया था। कोर्ट ने सहायक निबंधक, फर्म्स, सोसाइटीज और चिट्स, वाराणसी को चार सप्ताह के भीतर दोनों प्रतिद्वंद्वी सूचियों की जांच करने और वैध सदस्यता सूची का निर्धारण करने का निर्देश दिया। और कहा निर्णय के बाद, सहायक निबंधक सत्यापित सूची और शासी योजना के अनुसार नए सिरे से चुनाव कराने के लिए उचित निर्देश पारित करेंगे। नए चुनाव होने तक डीआईओएस के स्थगन और एकल संचालन के आदेश जारी रहेंगे।
हाईकोर्ट से वाहनों की चोरी पर पुलिस कमिश्नर को निर्देश, कहा कैमरों के बाद भी चोरी वाहनों की बरामदगी क्यों नहीं
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिसर के आसपास से वकीलों के वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं पर पुलिस आयुक्त प्रयागराज से चोरी रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट तथा न्यायमूर्ति गरिमा प्रसाद की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुशील कुमार की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा पुलिस कमिश्नर हाईकोर्ट के आसपास की सुरक्षा के मानकों की जांच भी करे।देखे कि सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह से कार्यरत हैं या नहीं। कैमरों की लोकेशन कैसी है। इतने सुरक्षा इंतजाम के बाद भी वाहन चोरी कैसे हो रही हैं और वाहन बरामद क्यों नहीं हुए। याची की बाइक गत दिनों हाईकोर्ट के बाहर से चोरी हो गई थी। उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
कोर्ट को बताया गया कि मल्टी लेवल पार्किंग बनने के बाद भी अधिकतर अधिवक्ता अपने वाहन बाहर सड़क पर ही खड़े कर रहे है। इस पर कोर्ट ने बार एसोसिएशन से पूछा कि पार्किंग का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है जबकि करोड़ों रुपये पार्किंग की व्यवस्था पर खर्च हुए हैं। कोर्ट ने हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष या महासचिव से अगली सुनवाई पर उपस्थित होने को कहा है।
यह भी पढ़ें: Crime News: दरियाबाद में फर्नीचर गोदाम में भीषण आग, कई दमकल गाड़ियां घंटों तक आग बुझाने में जुटीं
यह भी पढ़ें: Prayagraj News: प्रयागराज में भी देख सकेंगे ब्लैक बक, ईको टूरिज्म क्षेत्र के रूप में विकसित करने की तैयारी