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प्रयागराज में भी देख सकेंगे ब्लैक बक, ईको टूरिज्म क्षेत्र के रूप में विकसित करने की तैयारी। Photograph: (सोशल मीडिया)
प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता।अभी तक देश-दुनिया में महाकुंभ के नाम पर पर्यटन के लिए जगह बनाने वाले प्रयागराज जहां अभी तक आस्था की नगरी के नाम से जाना जाता था। वहीं अब प्रयागराज ईको पर्यटन के क्षेत्र में भी अपना झंडा गाड़ने जा रहे है। जिससे प्रयागराज में देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग यहां आगर ब्लैक बक देख सकेंगे। प्रयागराज यूपी का एकलौता जिले के रुप में उभरा है जहां लोगों को ब्लैक बक देखने को मिलेगा। जिसका फायदा यह है कि अब यूपी के लोगों को काले हिरण (ब्लैक बक) देखने के लिए अन्य राज्यों में जाने की जरुरत नहीं है। जल्द ही प्रयागराज में उन्हें काले हिरण को देखने का मौका रहेगा।
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इसकी पूरी रुपरेखा तैयार करने के लिए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने मेजा तहसील स्थित चांद खमरिया कृष्ण मृग संरक्षण क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वहां उपलब्ध व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं का विस्तृत जायजा लेते हुए उनके सुधार के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस संरक्षण क्षेत्र को ईको टूरिज्म क्षेत्र के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की जा रही है। जिससे एक ओर जैव-विविधता संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा तो दूसरी ओर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
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चारों तरफ चहलकदमी करते मिले ब्लैक बक
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी के साथ डीएफओ अरविंद कुमार यादव भी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने वाच टावर से दूरबीन के माध्यम से पूरे संरक्षण क्षेत्र का अवलोकन किया और वहां विचरण कर रहे कृष्ण मृगों (ब्लैक बक) को देखा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हिरणों के लिए पीने के पानी की समस्या का स्थायी समाधान किया जाए। इसके लिए जल स्रोतों का विस्तार करने तथा वाटर होल की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि बेलन नहर से निकलने वाली एक लिंक नहर संरक्षण क्षेत्र से होकर गुजरती है, यदि उसमें जल आपूर्ति सतत बनी रहे तो न केवल मृगों को पर्याप्त पानी मिलेगा, बल्कि क्षेत्र का ग्रीन कवर भी बढ़ेगा। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग को नहर की सफाई एवं नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
आवारा कुत्तों को संरक्षित क्षेत्र से निकाला जाए बाहर
निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि संरक्षण क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ने से कृष्ण मृगों को परेशानी होती है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे कुत्तों को चिन्हित कर संरक्षण क्षेत्र से बाहर किया जाए। साथ ही उन्होंने निराश्रित गोवंश को नजदीकी गौशालाओं में संरक्षित करने के आदेश भी दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि ईको टूरिज्म के विकास से स्थानीय लोगों में जैव-विविधता और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी तथा यह क्षेत्र प्रयागराज का एक नया पर्यटन आकर्षण केंद्र बन सकता है। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे ब्लैक बकों के संरक्षण में सक्रिय भागीदारी निभाएं और इस पहल को सफल बनाने में सहयोग करें।
प्रदेश का पहला ब्लैक बक क्षेत्र
चांद खमरिया कृष्ण मृग संरक्षण क्षेत्र प्रयागराज के यमुनापार क्षेत्र के तहसील एवं ब्लॉक मेजा में स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल 126.123 हेक्टेयर है, जिसमें 88 हेक्टेयर ग्रामसभा की भूमि और 38.123 हेक्टेयर वनभूमि शामिल है। यह उत्तर प्रदेश का पहला कृष्ण मृग संरक्षण क्षेत्र है। विगत कुछ वर्षों में यहां कृष्ण मृगों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो संरक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाता है। इस अवसर पर डीएफओ जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान सहित बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।
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