Advertisment

High Court News: आपराधिक केस लंबित होने पर निरस्त नहीं कर सकते शस्त्र लाइसेंस, हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आपराधिक केस लंबित होने के आधार पर शस्त्र लाइसेंस निरस्त नहीं किया जा सकता।धारा 17 (3) आयुध अधिनियम के तहत केवल लोक शांति व लोक सुरक्षा को शस्त्र से खतरा होने पर ही लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है।

author-image
Abhishak Panday
high court

फाइल फोटो Photograph: (google)

प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आपराधिक केस लंबित होने के आधार पर शस्त्र लाइसेंस निरस्त नहीं किया जा सकता।धारा 17 (3) आयुध अधिनियम के तहत केवल लोक शांति व लोक सुरक्षा को शस्त्र से खतरा होने पर ही लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। कोर्ट ने याची के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के जिलाधिकारी जौनपुर व आयुक्त वाराणसी के आदेशों को रद कर दिया है और जिलाधिकारी जौनपुर को दो माह में नियमानुसार आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अनुराग जायसवाल की याचिका को‌ निस्तारित करते हुए दिया है।

शस्त्र के दुरुपयोग का आरोप नहीं 

याची का कहना था कि उसके खिलाफ शस्त्र के दुरुपयोग का आरोप नहीं है।और न ही उसके किसी आचरण से लोक शांति व सुरक्षा को खतरे की आशंका है। वह अपनी सुरक्षा के लिए शस्त्र रखना चाहता है। ऐसे में जिलाधिकारी उसके शस्त्र लाइसेंस को निरस्त नहीं कर सकते। केवल आपराधिक केस लंबित रहना शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने का आधार नहीं हो सकता। लाइसेंस निरस्त करने की शर्तें धारा 17 मे लिखी है।

कोर्ट ने कहा दो लोगों में दुश्मनी है, इससे नहीं कहा जा सकता कि लोक शांति व सुरक्षा को खतरा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुरेश सिंह यादव केस में साफ कहा है कि आपराधिक केस लंबित होना शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने का आधार नहीं हो सकता।

यह भी पढ़ें: प्रयागराज में मुठभेड़ के बाद दो चेन स्नैचर गिरफ्तार, तमंचा-कारतूस और नकदी बरामद

Advertisment

यह भी पढ़ें: अतीक के बेटे अली का जेल के अंदर का वीडियो वायरल, सेवानिवृत्त आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने की जांच की मांग

 यह भी पढ़ें: एडीएम सिटी के अर्दली पर हमले का मामला, नौ आरोपी नामजद, सात धाराओं में मुकदमा दर्ज

Prayagraj News prayagraj
Advertisment
Advertisment