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फाइल फोटो Photograph: (google)
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी चेक से भुगतान के आरोपित पंजाब नेशनल बैंक फतेहपुर के निर्मल कुमार के विरुद्ध केस कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इसी के साथ राज्य सरकार व विपक्षियों से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी ने दिया है।
हाइकोर्ट ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया
पंजाब नेशनल बैंक की घाटमपुर ब्रांच कानपुर नगर के प्रबंधक राजकुमार गुप्ता ने वर्ष 2010 में एफआईआर दर्ज कराई थी। प्रकरण में पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जसीट वर्ष 2010 में दाखिल की। आरोप है कि फतेहपुर जिला पंचायत अध्यक्ष के अकाउंट से फर्जी तरीके से पैसा नामजद आरोपियों ने कानपुर ब्रांच से निकाला था। पुनः शिकायतकर्ता की शिकायत पर जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन लखनऊ को सौंप दी गई। याची अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि ऑडिट व विजिलेंस विभाग से अभियोजन स्वीकृति न होने पर विवेचना अधिकारी ने वर्ष 2022 में अंतिम रिपोर्ट प्रेषित कर दी थी। लेकिन घटना के 13 वर्ष के बाद विवेचना अधिकारी मंजू कनोजिया ने बिना किसी ठोस सबूत के याची को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का सिग्नेचर डिलीट न करने का आरोपी पाया और न्यायालय में याची सहित 5 बैंक कर्मचारियों के विरुद्ध चार्जसीट दाखिल कर दी। कहा कि घटना के समय याची छुट्टी पर था। और जिला पंचायत अध्यक्ष के खाते से रेखा सिंह के पद से हटने के बाद उनके हस्ताक्षर को कंप्यूटर में डिलीट नहीं किया गया। इस वजह से गलत तरीके से भुगतान हो गया। साथ ही याची का कार्य बैंक सर्कुलर के अनुसार किसी का हस्ताक्षर हटाना व जोड़ना नहीं है। यह कार्य उस समय के बैंक अधिकारी का था। याची ने कोई भी अपराध नहीं किया है। याची को झूठा फसाया जा रहा है। याची वर्तमान में बैंक अधिकारी के रूप में कार्यरत है। हाइकोर्ट ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी की है
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