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फाइल फोटो Photograph: (Social Media)
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सांसद राम भुआल निषाद के खिलाफ चल रहे शस्त्र लाइसेंस मामले में दाखिल चार्जशीट और केस कार्यवाही रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि सांसद ने जालसाजी या धोखाधड़ी से लाइसेंस का इस्तेमाल किया। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन की एकलपीठ ने दिया।
कोर्ट ने कहा जांच अधिकारी आरोप साबित करने में रहे विफल
गोरखपुर के बड़हलगंज थाने में वर्ष 2020 में दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया कि राम भुआल निषाद ने बेचू यादव के शस्त्र लाइसेंस नंबर 3912 का गलत तरीके से इस्तेमाल किया। बेचू यादव का निधन काफी पहले हो चुका था। हाईकोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी यह साबित करने में नाकाम रहे कि लाइसेंस आवेदक के नाम जारी नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि सिर्फ इस आधार पर कि लाइसेंस किसी और के नाम था, यह नहीं माना जा सकता कि सांसद ने जालसाजी की। कोर्ट ने यह भी कहा कि जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिला कि आवेदक ने किसी दस्तावेज में छेड़छाड़ की हो। इस आधार पर चार्जशीट दायर करना और कोर्ट का संज्ञान लेना उचित नहीं था। कोर्ट ने सांसद राम भुआल निषाद के खिलाफ चल रही मुकदमे की पूरी कार्यवाही रद्द कर दी है।
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