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High Court News: संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के कुलपति को निर्देश, रानी द्विवेदी को सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति दे

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में डा रानी द्विवेदी को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त करने का निर्देश दिया है। कुलाधिपति के विज्ञापन संख्या 2/2016 के तहत भर्ती प्रक्रिया को रोकने के आदेश को रद्द कर दिया।

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Abhishek Panday
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हाईकोर्ट

प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में डा रानी द्विवेदी को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त करने का निर्देश दिया है। कुलाधिपति के विज्ञापन संख्या 2/2016 के तहत भर्ती प्रक्रिया को रोकने के आदेश को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया तथा न्यायमूर्ति विवेक सरन की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।

असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती मामला

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए भर्ती निकाली थी। डॉ. रानी द्विवेदी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन किया और 25 नवंबर 2017 को साक्षात्कार में शामिल हुई। परिणाम घोषित होने से पहले कुलाधिपति के कार्यालय से 27 अक्तूबर 2017 को एक पत्र आया जिसमें यूजीसी रेगुलेशन, 2010 के संशोधनों को शामिल करने के बाद ही चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया था। इसपर कुलपति ने 3 नवंबर 2017 को भर्ती प्रक्रिया रोक दी और बाद में नए विज्ञापन जारी किये। डॉ. रानी द्विवेदी ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। तर्क दिया कि कुलाधिपति का आदेश मनमाना है। यूजीसी रेगुलेशन के संशोधनों को केवल भविष्य में प्रभावी किया जा सकता है और पहले से प्रकाशित विज्ञापनों को सुरक्षा प्रदान करता है। कोर्ट ने कहा कि डॉ.रानी द्विवेदी साक्षात्कार में सफल रहीं थी। बाद में जारी निर्देश इस भर्ती पर लागू नहीं होंगे। कोर्ट ने कुलपति को आदेश दिया कि वे सभी प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद 30 दिनों के भीतर डॉ.रानी द्विवेदी को असिस्टेंट प्रोफेसर (भाषा विज्ञान) के पद पर नियुक्ति प्रदान करें।

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