Advertisment

High Court News: जज अधीनस्थ के विरूद्ध प्रतिकूल टिप्पणी से बचें, हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शामली उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष याची की कार्यप्रणाली को लेकर राज्य उपभोक्ता आयोग की अपमानजनक टिप्पणी हटा दी है । कहा है कि जजों को बिना पक्ष रखने का अवसर दिए अधीनस्थ जज के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

author-image
Abhishak Panday
high court

प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शामली उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष याची की कार्यप्रणाली को लेकर राज्य उपभोक्ता आयोग की अपमानजनक टिप्पणी हटा दी है । कहा है कि जजों को बिना पक्ष रखने का अवसर दिए अधीनस्थ जज के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी करने से बचना चाहिए। कोर्ट ने कहा जज भी हांड़ मांस से बना नश्वर प्राणी होता है। उसमें भी अलग व्यक्तित्व व सामाजिक मानवीय गुण विद्यमान रहते हैं। जो वादकारियों के बीच विवाद का कानून के अनुसार न्याय करता है। जजों में न्यायिक संयम व अनुशासन होना चाहिए। न्यायिक स्वतंत्रता को संरक्षित रखने की उसपर गुरूतर जिम्मेदारी होती है। अदालत,कार्यपालिका व विधायिका राज्य की शाखाएं हैं। एक दूसरे के प्रति आपस में सम्मान होना चाहिए। कोर्ट ने कहा न्यायिक व्यवस्था में जन विश्वास की कमी न्याय प्रणाली के लिए अच्छा नहीं है। कोर्ट ने कहा अदालत शक्ति की पीठ है। इसका अनावश्यक व्यक्तिगत टिप्पणी कर दुरूपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इस शक्ति का इस्तेमाल न्याय देने में किया जाना चाहिए। जजों को अधीनस्थ के खिलाफ बिना उसका पक्ष सुने प्रतिकूल टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने शामली उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष रहे हेमंत कुमार गुप्ता की राज्य उपभोक्ता आयोग की प्रतिकूल टिप्पणी को हटाने की मांग में दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

हाईकोर्ट ने दी नसीहत

याची ने डीलर रिलायंस रिटेल लिमिटेड व भारतीय जीवन बीमा निगम के केस में उसके खिलाफ राज्यड उपभोक्ता आयोग की अनुचित टिप्पणी को चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा आयोग की याची के खिलाफ की गई टिप्पणी उसके कैरियर को प्रभावित करने वाली है। ऐसी टिप्पणी से पहले उसे सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। याची ने शामली में रहने के दौरान 600 शिकायते सुनी, दो मामलों में अपील की सुनवाई करते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग ने याची की कार्यप्रणाली को लेकर व्यक्तिगत टिप्पणी की। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के तमाम फैसलो का हवाला दिया और कहा जजों को अधीनस्थ के खिलाफ निजी टिप्पणी करने से बचना चाहिए। कैरियर को प्रभावित करने वाली टिप्पणी न तो उचित है और न ही जरूरी थी। न्यायहित व निष्पक्ष कार्यवाही के लिए की गई टिप्पणी आदेश से हटाई जाय।

यह भी पढ़ें:  Prayagraj News: प्रयागराज में भी देख सकेंगे ब्लैक बक, ईको टूरिज्म क्षेत्र के रूप में विकसित करने की तैयारी

यह भी पढ़ें: Prayagraj News: झूसी के हरिश्चंद्र शोध संस्थान परिसर में घुसा तेंदुआ, कुत्ते को मारने से इलाके में दहशत, सर्च ऑपरेशन जारी

Advertisment

यह भी पढ़ें:High Court News: महाकुंभ भगदड़ में मौत पर मुआवजे के भुगतान पर निर्णय लेने का निर्देश

Prayagraj News prayagraj
Advertisment
Advertisment