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हाईकोर्ट
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी की विवेचना में सहयोग की शर्त पर गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है।अगली सुनवाई 20नवंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट तथा न्यायमूर्ति गरिमा प्रसाद की खंडपीठ ने अभिषेक यादव, रणविजय यादव व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बहस की।
एक हफ्ते उसके साथ बंधक बनाकर दुष्कर्म का लगाया था आरोप
इनका कहना है कि प्रयागराज के थाना सोरांव क्षेत्र के अभिषेक यादव व परिवार के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई।जबकि 6अगस्त-25 को आरोपी और पीड़िता सहमति से फूलपुर के एक होटल में ठहरे थे।होटल में उनकी उपस्थिति का सीसीटीबी फुटेज घटना की पुष्टि की है।घटना के बाद याची और पीड़िता के बीच विवाह के प्रस्ताव को पीड़िता के परिवार के द्वारा अस्वीकार कर दिया गया।और अगले दिन 7 अगस्त -25 को गाँव के ही गंगा शर्मा अपने दूसरे बॉयफ्रेंड के साथ पीड़िता मुंबई चली गई और 13 अगस्त को लौटकर आयी। तो झूठी कहानी बनाकर याची अभिषेक यादव व उनके परिजन के खिलाफ गाली-गलौज,व दुष्कर्म के आरोप में एफड आई आर करवा दिया दलील दिया कि पीड़िता ने खुद होटल बुक कराया और याची से मिलने आईड थी ।और अगले दिन गांव के ही गंगा शर्मा के साथ मुंबई भाग गई और आरोप लगा दिया कि याची ने एक हफ्ते उसके साथ लगातार बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। याची ने पीड़िता की प्रयागराज से मुम्बई ट्रैन से जाने का लोकेशन भी बताया कि फाफामऊ से जबलपुर होते हुए मुंबई गई थी। और वापस आकर याची व परिवार के खिलाफ 11 दिन बाद एफआईआर दर्ज कराया।
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