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फाइल फोटो Photograph: (google)
प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में तालाब की जमीन पर बने मैरिज हाल और मस्जिद के ध्वस्तीकरण मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि वह चाहें तो इस आदेश के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में अपील कर सकते हैं। शनिवार सुबह 10 बजे जस्टिस दिनेश पाठक की सिंगल बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। इससे पहले शुक्रवार को भी छुट्टी के दिन अर्जेंट बेंच बैठाकर मामले की सुनवाई की गई थी। मस्जिद शरीफ गोसुलबारा रावा बुजुर्ग और मुतवल्ली मिंजर की ओर से दाखिल याचिका में ध्वस्तीकरण आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
याचिका में क्या कहा गया
मस्जिद पक्ष की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 67 के अंतर्गत सक्षम न्यायालय ने 2 सितंबर 2025 को ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से राहत की मांग की थी। अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी और शशांक श्री त्रिपाठी ने मस्जिद कमेटी का पक्ष रखा, जबकि सरकार की ओर से चीफ स्टैंडिंग काउंसिल जेएन मौर्य और आशीष मोहन श्रीवास्तव पेश हुए।
ध्वस्तीकरण पर मस्जिद पक्ष का आरोप
याचिका में कहा गया कि प्रशासन ने गांधी जयंती और दशहरे जैसे त्योहार के दिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। आरोप है कि तालाब की जमीन पर बने अवैध मैरिज हाल को 2 अक्टूबर को चार बुलडोजरों की मदद से महज चार घंटे में पूरी तरह ढहा दिया गया। मस्जिद का कुछ हिस्सा भी सरकारी जमीन पर बना हुआ है, जिस पर प्रशासन ने अवैध निर्माण का नोटिस जारी किया था। मस्जिद कमेटी को चार दिन की मोहलत दी गई थी, लेकिन मोहलत समाप्त होने से पहले ही मस्जिद कमेटी के लोगों ने खुद हथौड़ा चलाकर मस्जिद की दीवारें गिरानी शुरू कर दीं। मस्जिद पक्ष ने यह भी आशंका जताई कि बुलडोजर कार्रवाई के दौरान भीड़ की वजह से बड़ा हादसा हो सकता था।
कोर्ट का निर्देश
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मस्जिद पक्ष से जमीन के कागजात दाखिल करने को कहा था। हालांकि शनिवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि याची अब ट्रायल कोर्ट में अपील कर सकता है। राज्य सरकार, डीएम, एसपी संभल, एडीएम, तहसीलदार और ग्राम सभा को इस मामले में पक्षकार बनाया गया था। इस आदेश के बाद अब तालाब की जमीन पर बने अवैध निर्माणों का ध्वस्तीकरण जारी रहेगा।
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