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Prayagraj News: डीप होल ब्लास्टिंग के मामले में कार्रवाई न होने पर 24 घंटे चला धरना, एसडीएम के आश्वासन पर स्थगित

। ग्राम पंचायत परवेजाबाद में खनन कार्य से मकान की दीवार ढहने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रशासनिक कार्रवाई न होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार दोपहर से तहसील मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिया, जो 24 घंटे से अधिक समय तक लगातार जारी रहा।

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Abhishak Panday
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डीप होल ब्लास्टिंग के मामले में कार्रवाई न होने पर 24 घंटे चला धरना, एसडीएम के आश्वासन पर स्थगित, पीड़ितों से बात करती एसडीएम बारा प्रेरणा गौतम। Photograph: (वाईबीएन)

प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता। ग्राम पंचायत परवेजाबाद में खनन कार्य से मकान की दीवार ढहने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रशासनिक कार्रवाई न होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार दोपहर से तहसील मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिया, जो 24 घंटे से अधिक समय तक लगातार जारी रहा। शनिवार देर रात उपजिलाधिकारी प्रेरणा गौतम के जांच के आश्वासन पर धरना स्थगित किया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खनन विभाग और तहसील प्रशासन की लापरवाही के चलते उनकी परेशानी बढ़ी है। मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार विनय कुमार और वरिष्ठ खान अधिकारी अजय कुमार कोई ठोस निर्णय नहीं ले सके और न ही ग्रामीणों को संतोषजनक भरोसा दिला पाए। इससे गुस्सा और भड़क गया। धीरे-धीरे भारतीय किसान यूनियन प्रयाग के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान और महिलाएं भी धरने से जुड़ गईं।

खनन विभाग की निगरानी में खनन माफिया कर रहे डीप होल ब्लास्टिंग

धरने पर बैठे लोगों का कहना था कि ओवरलोड वाहनों और डीप होल ब्लास्टिंग से गांव की संरचनाएं लगातार क्षतिग्रस्त हो रही हैं, मगर प्रशासन खनन मफियाओं के दबाव में कार्रवाई से बचता रहा। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि पीड़ित महिलाओं से न तो जानकारी ली गई और न ही मुआवजे की कोई बात सामने आई। जबकि खनन विभाग की निगरानी में खनन माफिया ही इस काम को अंजाम दे रहे हैं। देर शाम एसडीएम प्रेरणा गौतम धरनास्थल पहुंचीं और किसान यूनियन प्रतिनिधियों व ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि खनन विभाग की रिपोर्ट में दीवार गिरने का कारण डीप होल ब्लास्टिंग नहीं बताया गया है। इसके बावजूद उन्होंने आश्वासन दिया कि दो दिन तक ब्लास्टिंग पर रोक रहेगी और दो दिन के भीतर वे स्वयं मौके का निरीक्षण करेंगी। ग्रामीण हालांकि इस जवाब से पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिखे। किसान यूनियन ने चेतावनी दी कि यदि जांच निष्पक्ष और संतोषजनक नहीं रही तो आंदोलन को और बड़ा रूप दिया जाएगा और सीधे मुख्यमंत्री से शिकायत की जाएगी। फिलहाल, दो दिन के लिए धरना स्थगित कर दिया गया है।

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