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बैठक लेते डीएम मनीष वर्मा। फाइल फोटो Photograph: (वाईबीएन)
प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता।संरक्षित वन भूमि के संरक्षण, स्वामित्व निर्धारण और राजस्व अभिलेखों में अद्यतन प्रविष्टि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मंगलवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी अरविंद कुमार यादव सहित सभी उपजिलाधिकारियों ने ऑनलाइन माध्यम से सहभागिता की। जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि ऐसी वन भूमि, जो विभिन्न सरकारी विज्ञप्तियों में वन विभाग के अधीन दर्ज है लेकिन अभी तक राजस्व अभिलेखों में अमलदरामद नहीं हो सकी है, उनकी पृथक सूची तैयार की जाए। उन्होंने सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि इन भूमियों को राजस्व अभिलेखों में वन विभाग के नाम पर अंकित कराया जाए, ताकि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद या अतिक्रमण उत्पन्न न हो। बताया गया कि सबसे अधिक ऐसी भूमि तहसील सोरांव, बारा और मेजा के अंतर्गत आती है। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध कार्रवाई करने को कहा।
धारा-4 व धारा-20 के अंतर्गत विज्ञापित भूमि का अभिलेखों में समावेश
जिलाधिकारी ने भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 एवं धारा-20 के अंतर्गत घोषित वन भूमि का राजस्व अभिलेखों व नक्शों में अद्यतन प्रविष्टि कराए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजस्व नक्शों को वन विभाग की अधिसूचित सीमा के अनुसार अद्यतन करना अत्यंत आवश्यक है।
गैर-वन भूमि का नक्शों पर ‘तरमीन’ करने के निर्देश
वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत प्राप्त गैर-वन भूमि को भी राजस्व नक्शों पर तरमीन (संशोधन) करने के निर्देश दिए गए। डीएम ने सोरांव, मेजा और बारा के उपजिलाधिकारियों को इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने को कहा।
388 वेटलैंड का ‘ग्राउंड टूथिंग’ व सीमांकन 4 दिन में पूर्ण करने का आदेश
उच्चतम न्यायालय द्वारा वेटलैंड संरक्षण संबंधी दिए गए निर्देशों का हवाला देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद प्रयागराज की 388 वेटलैंड का ग्राउंड-टूथिंग (यथास्थल जांच) व बाउंड्री डिमार्केशन कार्य आगामी 4 दिनों में हर हालत में पूरा कराया जाए। उन्होंने कहा कि वेटलैंड पर्यावरण संरक्षण के लिए अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र हैं, जिन्हें चिन्हित व संरक्षित रखना जरूरी है।
धारा-6 और धारा-20 से संबंधित लंबित कार्य शीघ्र पूरा करें
जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी बारा को वनबंदोबस्त अधिकारी के रूप में भारतीय वन अधिनियम के तहत धारा-6 एवं धारा-20 से संबंधित अवशेष कार्य को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक के अंत में डीएम ने कहा कि वन भूमि की सुरक्षा, अभिलेखीकरण और सीमांकन प्रशासन की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि तय समय सीमा के भीतर सभी कार्य सुनिश्चित करें, ताकि जिले की वन संपदा सुरक्षित रह सके।
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