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Prayagraj News: एमएनएनआईटी इलाहाबाद में डॉ. वेंकटेश के निलंबन वापसी की मांग

मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) इलाहाबाद में फैकल्टी सदस्य डॉ. ए.एम. वेंकटेश के हाल ही में हुए निलंबन के खिलाफ शुक्रवार को विभिन्न छात्र संगठनों ने संस्थान के मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन किया।

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Abhishek Panday
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एमएनएनआईटी इलाहाबाद में डॉ. वेंकटेश के निलंबन वापसी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते छात्र। Photograph: (वाईबीएन)

प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता।मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) इलाहाबाद में फैकल्टी सदस्य डॉ. ए.एम. वेंकटेश के हाल ही में हुए निलंबन के खिलाफ शुक्रवार को विभिन्न छात्र संगठनों ने संस्थान के मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। छात्र संगठनों द्वारा आयोजित इस प्रतिवाद में छात्रों ने नारेबाजी करते हुए निलंबन को अन्यायपूर्ण और जातिगत उत्पीड़न का परिणाम बताया। छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि वर्ष 2012 में संस्थान में नियुक्ति के बाद से ही डॉ. वेंकटेश के साथ लगातार भेदभाव किया जाता रहा है। छात्रों के अनुसार डॉ. वेंकटेश इस संबंध में संस्थान प्रशासन से लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और उच्चतम न्यायालय तक शिकायत कर चुके हैं, जिसके बाद प्रतिशोधवश निलंबन की कार्रवाई की गई है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि जब तक निलंबन वापस नहीं होता और उनका प्रमोशन व वेतन बहाल नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

संगठनों ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

प्रतिवाद के दौरान छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों ने एमएनएनआईटी प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, जिसमें डॉ. वेंकटेश का निलंबन तत्काल रद्द करने, सभी जांचों को निष्पक्ष तरीके से कराने तथा कथित जातिगत उत्पीड़न पर कार्रवाई की मांग की गई। प्रतिवाद सभा का संचालन आलोक अंबेडकर ने किया। मंच से वक्ताओं ने शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई। सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश चौधरी ने कहा शिक्षण संस्थानों में दलित-आदिवासी समुदाय के छात्रों व शिक्षकों के साथ होने वाला उत्पीड़न असहनीय है। यदि एक सप्ताह के भीतर निलंबन वापस नहीं लिया गया तो हम बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। आईसा इकाई अध्यक्ष सोनाली यादव ने कहा कि देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में जातिगत उत्पीड़न के गंभीर मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा डॉ. वेंकटेश का मामला भी उतना ही गंभीर है। न्याय के लिए हम सब एकजुट हैं। BAPSA की ओर से शिवम ने कहा कि निलंबन को ‘जातिगत आधार पर बहिष्कार’ की तरह देखा जा रहा है, जो शर्मनाक है। ICM के अनुपम कुमार ने आरोप लगाया कि देशभर में दलित और आदिवासी समुदाय के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं और यह उसी प्रवृत्ति का हिस्सा है। बसपा के मंडल प्रभारी आलोक चौधरी ने कहा कि वे इस मुद्दे पर डॉ. वेंकटेश के साथ एकजुटता में खड़े हैं। समाजवादी छात्र सभा के सुधीर यादव ने कहा कि यदि न्याय नहीं मिला तो छात्र समुदाय बड़े आंदोलन का रुख करेगा। NSUI के प्रतिनिधि हैरी ने कहा एमएनएनआईटी एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। ऐसे संस्थान में किसी फैकल्टी के निलंबन पर गंभीर सवाल उठते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में छात्र शामिल

प्रतिवाद के दौरान मानवेंद्र, सुजीत, मनीष कुमार, सुमित सरकार, राहुल, सोनू यादव सहित भारी संख्या में छात्र मौजूद रहे। प्रदर्शन के अंत में छात्रों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं होतीं, तो शहरव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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