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चिकित्सकों को विषैले और गैर-विषैले सर्पदंश की पहचान व उपचार के प्रति किया गया प्रशिक्षित Photograph: (वाईबीएन)
प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता। प्रयागराज राहत आयुक्त कार्यालय एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में सर्पदंश न्यूनीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत चिकित्सकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला कलेक्ट्रेट स्थित संगम सभागार में आयोजित हुई, जिसमें जनपद के चिकित्सकों को सर्पदंश से जुड़ी वैज्ञानिक एवं व्यवहारिक जानकारी दी गई। कार्यक्रम के दूसरे दिन 25-25 चिकित्सकों के बैच बनाकर प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। पहले बैच में जनपद प्रयागराज के 24 चिकित्साधिकारियों ने हिस्सा लिया। राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने सर्पदंश के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए चिकित्सकों को आधुनिक तकनीकों एवं वैज्ञानिक पद्धतियों से प्रशिक्षित होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समय पर सही पहचान और उपचार से अधिकांश सर्पदंश पीड़ितों की जान बचाई जा सकती है।
विषैले और गैर-विषैले सर्पों की कराई पहचान
राज्य स्तर पर कार्यक्रम के प्रबंधक कार्मिक शांतनु द्विवेदी ने प्रशिक्षण सत्र के समन्वय का कार्य संभाला। सर्पदंश कंसल्टेंट काव्या शर्मा ने प्रशिक्षण की तकनीकी रूपरेखा तैयार की और सर्पदंश की चिकित्सीय प्रबंधन प्रणाली पर विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर्स डॉ. अनिल कुमार, डॉ. चंदन सिंह, डॉ. शाश्वत सिंह और डॉ. मन्सूर अहमद ने चिकित्सकों को विषैले और गैर-विषैले सर्पों की पहचान, उनके दंश के लक्षण तथा प्राथमिक उपचार के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हर सर्पदंश जानलेवा नहीं होता, लेकिन गलत पहचान और लापरवाही से स्थिति गंभीर हो सकती है। चिकित्सकों को रक्तस्राव, मांसपेशियों में कमजोरी, सांस लेने में कठिनाई जैसे गंभीर लक्षणों की पहचान और उनके प्रबंधन पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण और आमजन में जागरूकता फैलाने में चिकित्सकों की भूमिका पर भी बल दिया गया।
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