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High Court News: चेक अनादर केस में संज्ञान लेने से पहले आरोपी का पक्ष सुनना जरूरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेक अनादर केस में जारी सम्मन आदेश रद्द कर दिया है और ट्रायल कोर्ट को नए सिरे से नियमानुसार आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने राहुल जिंदल उर्फ राहुल अग्रवाल की याचिका पर दिया है।

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Abhishak Panday
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फाइल फोटो Photograph: (google)

प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेक अनादर केस में जारी सम्मन आदेश रद्द कर दिया है और ट्रायल कोर्ट को नए सिरे से नियमानुसार आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने राहुल जिंदल उर्फ राहुल अग्रवाल की याचिका पर दिया है।

बिना नोटिस दिए जारी सम्मन रद्द, नए सिरे से आदेश देने का निर्देश

अलीगढ़ के बारदाना व्यवसायी राहुल जिंदल के खिलाफ हाथरस के बारदाना व्यवसायी सुरेंद्र कुमार गोयल ने चेक अनादर के मामले में वाद दायर किया था। आरोप लगाया था कि राहुल जिंदल ने 41 लाख 61 हजार 47 रुपये का एक चेक जारी किया था। चेक को बैंक में प्रस्तुत किया तो अनादर हो गया। वैधानिक नोटिस देने के बाद 10 मार्च 2025 को शिकायत दर्ज कराई। अदालत ने 26 मई 2025 को सम्मन जारी किया। इस आदेश को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की। याची अधिवक्ता ने दलील दी कि कंप्लेंट केस पर संज्ञान लेने से पहले आरोपी को नोटिस दिया जाना चाहिए था और उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाना चाहिए था।ऐसा न कर सीधे सम्मन जारी करना कानून के उपबंधो का उल्लघंन है। सम्मन रद होने योग्य है।

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