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फाइल फोटो प्रयागराज पोस्टमार्टम हाउस Photograph: (वाईबीएन)
प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता। प्रयागराज पोस्टमार्टम हाउस में बड़ी लापरवाही सामने आई, जब फतेहपुर और जौनपुर जनपदों के दो मृतकों के शव बदल गए। शंका होने पर जौनपुर से आए परिजनों ने जब शव के चेहरे से चादर हटाई, तो उन्हें पता चला कि यह उनके रिश्तेदार का शव नहीं है। इसके बाद हड़कंप मच गया और तुरंत पोस्टमार्टम हाउस स्टाफ को इसकी जानकारी दी गई। जानकारी मिलते ही स्टाफ ने फतेहपुर से आए परिजनों को फोन कर बताया जिस शव को आप लेकर गए हैं वह आपका नहीं है चेहरा खोलकर देखें। जब उन्होंने रास्ते में शव का चेहरा देखा तो पुष्टि हो गई कि शव बदल गया है। हालांकि तब तक वे लगभग 2 किलोमीटर दूर जा चुके थे। मामला सामने आने के बाद वे तत्काल पोस्टमार्टम हाउस लौटे और फिर दोनों परिवारों को सही शव सौंपे गए।
दो शवों का एक साथ हुआ था पोस्टमार्टम
फतेहपुर के खागा निवासी जितेंद्र केसरी (40 वर्ष) रेलवे में गैंगमैन थे। दो दिन पहले रेलवे ट्रैक पर हुए हादसे में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। दूसरी ओर, जौनपुर के मीरगंज सतहरिया निवासी अवधेश कुमार उमरवैश्य (57 वर्ष) सड़क हादसे में घायल हुए थे। उनका इलाज एसआरएन अस्पताल में चल रहा था, जहां गुरुवार को उनकी भी मौत हो गई। दोपहर बाद दोनों शवों का पोस्टमार्टम लगभग एक साथ हुआ। इसी बीच कर्मचारियों की असावधानी और परिजनों की जल्दबाजी के कारण दोनों शव आपस में बदल गए।
चेहरा देखे बिना ले गए शव, फिर हुई पहचान में शंका
फतेहपुर से आए परिजनों ने बिना चेहरा देखे ही अवधेश कुमार का शव अपने रिश्तेदार जितेंद्र समझकर ले लिया। पोस्टमार्टम हाउस स्टाफ का कहना है कि उन्होंने शव की पहचान की अपील की थी, लेकिन परिजनों ने देखने से मना कर दिया। इधर, जौनपुर के परिजनों को जब शव सौंपा गया तो उन्होंने शव की लंबाई देखकर शक जताया। चादर हटाकर चेहरा देखते ही स्पष्ट हो गया कि यह उनके मृतक का शव नहीं है। तुरंत इसकी शिकायत पोस्टमार्टम स्टाफ से की गई। स्टाफ ने फतेहपुर वालों को फोन कर बुलाया। कुछ देर बाद दोनों परिवारों को उनकी पहचान के अनुसार सही शव दे दिए गए।
दोनों परिवारों में नाराजगी, स्टाफ लापरवाही से मुकरा
शवों के बदलने की घटना से दोनों ओर के परिजन क्षुब्ध दिखे। उनका कहना था कि संवेदनशील जगह पर ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए। हालांकि कर्मचारियों ने जिम्मेदारी पर सवालों से बचते हुए कहा हमने पहचान कराने की कोशिश की थी, लेकिन फतेहपुर वाले शव देखे बिना ही ले गए। प्रयागराज के सीएमओ डॉ. एके तिवारी ने कहा दोनों शवों की पहचान को लेकर परिजनों में भ्रम हुआ था। जैसे ही गड़बड़ी की जानकारी मिली, कुछ ही देर में दोनों परिवारों को सही शव सौंप दिए गए। स्थिति को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया गया है।
संवेदनशील व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने पोस्टमार्टम हाउस में सुरक्षा और पहचान व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। परिजन और स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी गंभीर लापरवाही दोबारा न हो, इसके लिए कड़े नियम और व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं।
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