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Prayagraj News: किरायेदारी एवं पट्टा विलेखों पर स्टाम्प शुल्क व रजिस्ट्रीकरण फीस में बड़ी राहत

प्रदेश में किरायेदारी व्यवस्था को सरल, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट बैठक में 10 वर्ष तक की अवधि वाले किरायेदारी/पट्टा विलेखों पर स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रीकरण फीस में भारी छूट देने का निर्णय लिया गया है।

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Abhishek Panday
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प्रयागराज सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रवींद्र जायसवाल। Photograph: (वाईबीएन)

प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता। प्रदेश में किरायेदारी व्यवस्था को सरल, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 10 वर्ष तक की अवधि वाले किरायेदारी/पट्टा विलेखों पर स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रीकरण फीस में भारी छूट देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। रविवार को प्रयागराज सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रवींद्र जायसवाल ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह सुधार प्रदेश की किरायेदारी व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने का ऐतिहासिक कदम है। अब तक अधिकांश लोग अज्ञानतावश मात्र 100 रुपये के स्टाम्प पर किराएनामे की नोटरी करा लेते थे, जो न्यायालय में वैध नहीं माना जाता। इस वजह से न केवल विवाद बढ़ते थे, बल्कि कमी स्टाम्प के मामले भी अक्सर दर्ज होते थे। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था लागू होने से रजिस्टर्ड किरायानामे बढ़ेंगे, कानूनी विवाद घटेंगे और आम नागरिक को अनावश्यक जटिलताओं से राहत मिलेगी।

रजिस्ट्री अनिवार्यता और पुराने प्रावधानों की समस्या

मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 के अनुसार एक वर्ष से अधिक अवधि वाले किरायेदारी विलेखों की रजिस्ट्री अनिवार्य है, जबकि व्यवहार में अधिकतर लीज या तो मौखिक होती थीं या बिना रजिस्ट्री के ही चलती थीं। अब तक शहरी क्षेत्रों में 4% तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 2% की दर से स्टाम्प शुल्क देना पड़ता था। लोग नोटरी कराने में ही सुविधा समझते थे, जिससे स्टाम्प चोरी और वसूली के मामले सामने आते थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन अधिनियम 2021 को प्रभावी रूप से लागू करने और लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है।

किरायेदारों व भवन स्वामियों के लिए बड़ी राहत

मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि औसत वार्षिक किराया 10 लाख रुपये तक की सीमा वाले किरायानामा विलेखों पर यह छूट लागू होगी। इससे किरायेदारों और भवन स्वामियों पर आर्थिक बोझ कम होगा तथा उन्हें रजिस्टर्ड किरायानामा कराने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार ने अलग-अलग अवधि और किराया श्रेणियों के अनुसार अधिकतम स्टाम्प शुल्क एवं रजिस्ट्री फीस तय कर दी है, जिससे नागरिकों को स्पष्ट और सरल व्यवस्था का लाभ मिलेगा। टोल और खनन पट्टों को इस छूट से बाहर रखा गया है क्योंकि इनसे राजस्व हानि की संभावना अधिक होती है। वार्ता के दौरान उप महानिरीक्षक निबंधन प्रयागराज मंडल सुरेश त्रिपाठी, सहायक महानिरीक्षक निबंधन राकेश चंद्र तथा प्रयागराज के समस्त उपनिबंधक उपस्थित रहे। सरकारी स्तर पर लागू की गई यह नई व्यवस्था प्रदेश में किरायेदारी के क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाने, विवादों को कम करने और नागरिकों को सुरक्षित किरायेदारी प्रणाली उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

10 वर्ष तक की अवधि के किरायानामा विलेखों पर अधिकतम निर्धारित शुल्क

औसत वार्षिक किराया: ₹2,00,000 तक

1 वर्ष तक – स्टाम्प ₹500, रजिस्ट्री ₹500

1–5 वर्ष – स्टाम्प ₹1,500, रजिस्ट्री ₹1,500

5–10 वर्ष – स्टाम्प ₹2,000, रजिस्ट्री ₹2,000

औसत वार्षिक किराया: ₹2,00,001 – ₹6,00,000

1 वर्ष तक – स्टाम्प ₹1,500, रजिस्ट्री ₹1,500

1–5 वर्ष – स्टाम्प ₹4,500, रजिस्ट्री ₹4,500

5–10 वर्ष – स्टाम्प ₹7,500, रजिस्ट्री ₹7,500

औसत वार्षिक किराया: ₹6,00,001 – ₹10,00,000

1 वर्ष तक – स्टाम्प ₹2,500, रजिस्ट्री ₹2,500

1–5 वर्ष – स्टाम्प ₹6,000, रजिस्ट्री ₹6,000

5–10 वर्ष – स्टाम्प ₹10,000, रजिस्ट्री ₹10,000

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