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Prayagraj News: प्रयागराज को मिला उन्नत जनगणना डेटा वर्कस्टेशन, शोध और नीति-निर्माण में आएगी क्रांतिकारी तेजी

जीबी पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान प्रयागराज में गुरुवार को “जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन” का विधिवत शुभारंभ किया गया। यह सुविधा जनगणना निदेशालय, उत्तर प्रदेश के सहयोग तथा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के वित्त-पोषण से तैयार की गई है।

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Abhishek Panday
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जीबी पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान प्रयागराज में गुरुवार को “जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन” का विधिवत शुभारंभ किया गया। Photograph: (वाईबीएन)

प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता।जीबी पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान प्रयागराज में गुरुवार को “जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन” का विधिवत शुभारंभ किया गया। यह सुविधा जनगणना निदेशालय, उत्तर प्रदेश के सहयोग तथा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के वित्त-पोषण से तैयार की गई है। इसके साथ ही समावेशी एवं सतत विकास के लिए बड़े पैमाने के जनगणना एवं सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों का महत्व विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया।

सूक्ष्म-स्तर के डेटा से विकास योजनाओं को नई गति

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और निदेशक (जनगणना), उत्तर प्रदेश श्रीमती शीतल वर्मा ने जनगणना, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और जीवनांक सर्वेक्षण के आंकड़ों की महत्ता पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म-स्तर के जनगणना आंकड़े स्थानीय जरूरतों को समझने, लक्षित हस्तक्षेप तय करने और साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण में अत्यंत उपयोगी होते हैं। उन्होंने कहा कि “आंकड़ों का सही उपयोग प्रदेश और देश के विकास को नई दिशा देता है तथा शोधकर्ताओं को नई दृष्टि प्रदान करता है।”

शोधकर्ताओं और संस्थानों के लिए बड़ा संसाधन

नवस्थापित डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन का उद्देश्य विश्वविद्यालयों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों एवं संस्थाओं को सुरक्षित वातावरण में उच्च-गुणवत्ता वाले माइक्रोडेटा तक पहुंच उपलब्ध कराना है। यह सुविधा विकास-उन्मुख नीतियों, योजनाओं की निगरानी, भू-स्थानिक विश्लेषण, शैक्षिक शोध और क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उद्घाटन सत्र में प्रो. टी. वी. शेखर ने लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया पर व्याख्यान दिया, जबकि प्रो. लक्ष्मीकांत द्विवेदी ने वर्कस्टेशन को “नीति-प्रासंगिक अनुसंधान के लिए एक परिवर्तनकारी कदम” बताया।

विशेषज्ञों ने दी तकनीकी जानकारी, शोधपत्र भी प्रस्तुत

कार्यशाला में देश के विभिन्न प्रमुख संस्थानों, अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बीएचयू, गृह मंत्रालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय आदि के विशेषज्ञों ने भाग लिया। जनगणना, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण, एनएसएसओ, जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रणाली सहित देश की प्रमुख सांख्यिकीय प्रणालियों पर विस्तृत चर्चा की गई। कई प्रतिभागियों ने शोधपत्र भी प्रस्तुत किए।

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संस्थान की निदेशक ने बताया मील का पत्थर

संस्थान की निदेशक डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि यह वर्कस्टेशन प्रयागराज समेत आसपास के जनपदों के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और शोधकर्ताओं को अत्यधिक लाभ पहुंचाएगा। इससे उच्च-गुणवत्ता वाले सूक्ष्म आँकड़ों तक पहुँच आसान होगी और शोध एवं प्रशिक्षण की गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. माणिक कुमार और डॉ. मो. जुएल राणा ने कहा कि यह सुविधा संस्थान में डेटा-आधारित अनुसंधान को नई गति देगी और क्षेत्रीय स्तर पर शोध पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाएगी। कार्यक्रम का समापन संस्थान की निदेशक द्वारा सभी विशेषज्ञों, प्रतिभागियों और सहयोगी संस्थानों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए किया गया।

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