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Prayagraj News: गार्डनिंग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं, खुसरोबाग औद्यानिक प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र, खुसरोबाग प्रयागराज में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत माली (गार्डनर) प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

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Abhishek Panday
Sivan Sub inspector

प्रतिकात्मक फोटो

प्रयागराज, वाईबीएन संवाददाता।औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र, खुसरोबाग प्रयागराज में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत माली (गार्डनर) प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में मुख्य उद्यान विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि गार्डनिंग ऐसा क्षेत्र है जिसमें बेहद कम लागत में बड़ा और स्थायी व्यवसाय खड़ा किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आज बागवानी और पुष्पोपयोगी फसलों की बढ़ती मांग ने इस क्षेत्र में रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर खोले हैं।

कम लागत में बड़ा व्यवसाय बनने की क्षमता

डॉ. सिंह ने कहा कि नए गार्डन का विकास, फ्लोरिकल्चर, सजावटी पौधों की नर्सरी, किचन गार्डन, ग्रीन लैंडस्केपिंग और फूलों के व्यापार जैसे कई क्षेत्रों में प्रशिक्षित युवाओं के लिए असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा कि तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद युवा अपना स्वयं का उद्यम शुरू कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

जैविक खाद उत्पादन है लाभकारी एवं मांग में

प्रशिक्षण के तकनीकी सत्र में अजय श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष सरला स्मृति संस्थान, लखनऊ, ने जैविक खाद के उत्पादन, भंडारण और उसके महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्मी कंपोस्ट औद्योगिक फसलों, विशेष रूप से फूल, फल और सब्जियों के लिए बेहद उपयोगी है। वर्मी कंपोस्ट उत्पादन की तकनीक, रख-रखाव और प्रायोगिक जानकारी भी प्रतिभागियों को दी गई।

सरकारी योजनाओं की जानकारी से होगा लाभ

केंद्र के उद्यान निरीक्षक संदीप सिंह ने उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, अनुदान सुविधाओं और आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं का सही उपयोग कर प्रतिभागी अपने बागवानी व्यवसाय को सुदृढ़ कर सकते हैं।

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तकनीकी विशेषज्ञों ने दिए प्रायोगिक सुझाव

प्रशिक्षण के दौरान विवेक श्रीवास्तव, अमित सिंह सहित केंद्र के अन्य तकनीकी विशेषज्ञों ने पौध उत्पादन, गार्डन प्रबंधन और आधुनिक बागवानी तकनीकों पर प्रतिभागियों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया।

50 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, भदोही, चित्रकूट, बांदा और ललितपुर जिलों के कुल 50 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन प्रभारी प्रशिक्षण वी. के. सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने बताया कि यह प्रशिक्षण न केवल तकनीकी ज्ञान देता है, बल्कि उन्हें रोजगार के नए अवसरों से भी जोड़ता है।

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