रामपुर के टांडा में सोना तस्करः खुलेआम घूम रहे फाइनेंसर डाक्टर, नेता और कोटेदार, पुलिस की आंखें बंद
रामपुर जिले के टांडा में सोना तस्करों के हौसले बुलंद हैं। इतनी संख्या में तस्करों के पकड़े जाने के बाद भी पुलिस तस्करों के लिए फाइनेंस करने वाले डाक्टर, कोटेदार और उद्यमी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।
रामपुर,वाईबीएन नेटवर्क। उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद के टांडा में गोल्ड तस्करी के जिस तरह से मामले सामने आ रहे हैं, उस तरह सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। पुलिस नाम खुलने के बाद भी तस्करी करने वालों और तस्करों को फाइनेंस करके इस देश द्रोही धंधा करने वालों पर सख्त कार्रवाई नहीं कर पा रही है। फाइनेंसरों में कोई और नहीं नगर के डाक्टर, कोटेदार, उद्यमी और कुछ ग्राम प्रधान और उनके परिजन भी हैं, लेकिन यह लोग नाम सामने आने के बाद भी खुलेआम घूम रहे हैं।
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मुरादाबाद के मूंढापांडे में पकड़े गए सोना तस्करों के पेट से आपरेशन करने के बाद सोने के कैपसूल निकाल लिए जाने के बाद भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ रही है। बताते हैं कि टांडा पुलिस स्थानीय स्तर पर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करती है। तस्करों ने जांच और पूछताछ में कुछ तस्करों के नाम खोले थे। इनमें एक गांव के प्रधान और उनके परिजनों के नाम सामने आए हैं। इसके साथ ही टांडा के कुछ डाक्टर, कोटेदार और उद्यमी के नाम भी सामने आए थे। लेकिन अभी तक यह लोग खुलेआम घूम रहे है। यही नहीं फाइनेंसर बनकर अब भी युवाओं को दुबई भेज रहे हैं। सोना तस्करी अभी तक नहीं रुकी है। इससे सरकार को करोड़ों रुपये के टैक्स का चूना लगाया जा रहा है।
Photograph: (इंटरनेट मीडिया)
कैपसूल निगलकर लाने के चक्कर में एक तस्कर की जा चुकी जान
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दुबई, साउदी अरब से सोने के कैपसूल निगलकर लाने के चक्कर में एक तस्कर आलम की मौच हो चुकी है। लेकिन फिर भी निडरता के साथ लाखों की कमाई चंद दिनों में कर लेने की वजह से तस्करी नहीं रुक पा रही है। कुछ तस्कर आपरेशन के बाद सोना शरीर के अंदर छिपाकर लाते हैं। कुछ बेल्ट के जरिये सोना लेकर आते हैं। आलम पेट में कैपसूल के जरिए सोना लेकर आया था और बीमार होकर मर गया था।
पहलवान सट्टाकिंग भी धंधे में लिप्त
टांडा का एक पहलवान फाइनेंस करके सोना तस्करी कराने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। बताते हैं यह पहलवान सट्टाकिंग भी है। पुलिस की लिस्ट में इसे गणमान्य व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया है। लेकिन फिर भी कोई अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। शांति कमेटी की बैठकों में इसे आदर के साथ बुलाया जाता है। आखिर सोना तस्करों को फाइनेंस करके माला माल हो रहे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। एक सभासद भी सोना तस्करी के रैकेट में मुख्य भूमिका निभाता है। धान की आधुनिक स्टीम मील लगाने वाले राइस मिलर का भी नाम सोना तस्करी में आ रहा है। लेकिन इनपर पुलिस आंखें बंद किए हुए है।