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जिला अस्पताल में खून बेचता डोनर पकड़े जाने पर शिकायत दर्ज कराते वीर खालसा समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। जिला अस्पताल में आने वाले कुछ कर्मचारी खून का सौदा कर रहे हैं। जरूरतमंद मरीजों से उसी ग्रुप का खून दिलाने के लिए 3500 रुपये लेते हैं। बाद में 800 रुपये में डोनर बुलाकर खून दिला देते हैं और 2700 रुपये बचा लेते हैं। इस तरह से खून का सौदा खूब हो रहा है। वीर खालसा सेवा समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह ने इस रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया, लेकिन अधिकारियों ने इस मामले पर जांच का पर्दा डाल दिया। किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
यह मामला बुधवार को सामने आया था। वीर खालसा सेवा समिति के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह अपने संगठन के माध्यम से जरूरतमंदों को निशुल्क ब्लड डोनेशन कराते हैं। वे किसी काम से ब्लड बैंक गए थे। उन्होंने एक बाहरी युवक को रक्तदान करते हुए देखा। रक्तदान कर रहे युवक से पूछा तो वो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इस दौरान मौके पर अफरा तफरी मच गयी। शोर शराबे की आवाज़ सुनकर सीएमएस डॉक्टर डीके वर्मा भी मौके पर आ गए। सीएमएस और अवतार सिंह के बीच काफी देर तक वार्ता होती रही। अवतार सिंह ने बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से लगातार रक्तदान शिविर लगाते आ रहे हैं, लेकिन अस्पताल में इस प्रकार खुलेआम खून का सौदा होना अत्यंत निंदनीय और पीड़ादायक है। उन्होंने इसे एक संगठित गिरोह की करतूत बताते हुए मामले की गहन जांच की मांग की। खून देने के मामले में जब अवतार सिंह ने बाहरी युवक से पूछा तो उसने बताया कि अस्पताल के ही कर्मचारी ने खून देने के लिए बुलाया था। खून देने के 800 रुपए देने की बात कही थी। इस मामले में सीएमएस का कहना है कि ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर पी के सिंह को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब भी मांगा गया है। लेकिन अभी तक न 800 रुपये में खून बेचने वाले युवक पर कार्रवाई हुई है न उस कर्मचारी पर जिसने 3500 रुपये लेकर खून दिलाने का सौदा किया था। इस तरह जिला अस्पताल में मरीजों के साथ उत्पीड़न हो रहा है।
जांच की जा रही कार्रवाई होगी
सीएमएस डा. डीके वर्मा ने बताया के खून का सौदा करने वाला आउटसोर्स कंपनी का कर्माचारी है, जिसे हटाने के लिए कंपनी को पत्र लिख दिया है। इस मामले में ब्लड बैंक प्रभारी से जांच करने को कहा है, जांच के बाद आगे की कार्रवाई भी की जाएगी।
कोतवाली पुलिस को नहीं दी गई तहरीर
कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर 800 रुपये में खून बेचने वाले युवक पर एफआई दर्ज करने की बात थी, लेकिन कोई तहरीर पुलिस को गुरुवार को भी नहीं दी गई। कोतवाली प्रभारी ओमकार सिंह ने बताया कि इस संबंध में कोई तहरीर जिला अस्पताल से या आउटसोर्स कंपनी की तरफ से प्राप्त नहीं हुई है।
पूरे मामले में लीपापोती कर पर्दा डाला गया
वीर खालसा सेवा समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह ने बताया कि पूरे मामले में पर्दा डाला गया। जिला अस्पताल में जब खून का सौदा होने लगेगा तो गरीब मरीजों का क्या हाल होगा। प्राइवेट अस्पतालों की तरह यहां भी मरीज के साथ इस तरह की लूट होगी तो गरीब मरीजों का क्या होगा। इस मामले में सख्त कार्रवाई होने के बजाए पर्दा डाला जाना अच्छा संकेत नहीं है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
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