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रेलवे की जमीन पर कब्जा करने को लगाई बांस की टटिया। Photograph: (वाईबीएन नेचवर्क)
रामपुर, वाईबीएन संवाददाता। नवाबी शहर रामपुर अब विकसित होता और संवरता नजर आ रहा है। अतिक्रमण ढहाए जा रहे हैं। नव निर्माण की ओर आबादी बढ़ रही है। लेकिन कुछ माफिया अब भी शहर को बिगाड़ने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन प्रशासन भी इतना मुस्तैद है कि इन माफिया के इरादे भांपकर इन्हें ध्वस्त करता नजर आ रहा है। रेलवे की करोड़ों रुपये की जमीन पर एक व्यापारी नेता ने कब्जे की कोशिश की तो प्रशासन ने एक झटके में मंसूबे ध्वस्त कर दिए। मामला अब भी किसी तरह जमीन हथियाने के लिए चल रहा है।
हम बात कर रहे हैं रामपुर शहर में खेतान शराब फैक्ट्री और मक्का मिल के सामने रेलवे लाइन के किनारे खाली पड़ी करोड़ों रुपये की जमीन की। शहर के एक व्यापारी नेता अवैध जमीनों की खरीद फरोख्त करके प्लाटिंग करने के काम में जुटे हैं। उनकी नजर रेलवे की जमीन पर पड़ गई। मुख्य मार्ग पर इस जमीन पर कब्जा करने के लिए उन्होंने बांस की टटिया बनवाकर लगवा दीं। धीरे-धीरे कब्जे की तैयारी चल रही थी। यह तलाशा जा रहा था कि जमीन पर ईंट लगाने से पहले कागजी भूमिका तैयार कर लें। लेकिन इस बीच किसी ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह तक पहुंचा दी। जिलाधिकारी ने तत्काल तहसीलदार को इस मामले से अवगत कराके जमीन खुद मौके पर जाकर देखने के निर्देश दे दिए। तहसीलदार केके चौरसिया मौके पर गए और जमीन पर लगे बांस के टटिया हटवाने के सख्त आदेश कर आए। हालांकि मौके पर व्यापारी नेता का जो कारिंदा मिला उसने यही नहीं बताया कि वह जमीन की रखवाली कर रहा है। डांटकर उससे जमीन पर कब्जा करने को लगाए बांस बल्ली हटाने के निर्देश दे दिए। तहसीलदार वापस चले आए, लेकिन बांस की टटिया अभी नहीं हटाई गई हैं।
रामपुर शहर में कई और जगह पर भू माफिया की नजर
शहर में कई स्थानों पर जमीन कब्जाने का अभियान चल रहा है। प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने की कवायद चल रही है। लेकिन तहसील के लेखपाल और कानूनगो इन माफिया को संरक्षण दे रहे हैं। अधिकारियों की नजर से बचकर कब्जे किए जा रहे हैं। ऐसे में कोई भी व्यक्ति शिकायत करे भी तो सीधे जिलाधिकारी या अपर जिलाधिकारी स्तर पर करे। निचले स्तर की शिकायतों को सतही तौर पर निपटा दिया जाएगा। ऐसा प्रतीत हो रहा है। रेलवे की जमीन की शिकायत जिलाधिकारी से नहीं की गई होती तो व्यापारी नेता ने कब्जा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
तहसीलदार बोले- हमने कब्जा हटाने के निर्देश दिए थे
तहसीलदार केके चौरसिया ने यंग भारत न्यूज को बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर हमने मौके पर जाकर देखा था और जमीन पर बांस की टटिया लगी पाई गईं थीं। वहां कोई व्यक्ति नहीं मिला। लेकिन आस पड़ोस के लोगों से देखभाल करने वाले से यह तुरंत हटा लेने को कह दिया है। अगर अभी बांस की टटिया किसी ने नहीं हटाई हैं तो प्रशासन उन्हें वहां से हटवाएगा। कौन से व्यापारी नेता कब्जा करा रहे हैं इस बारे में तहसीलदार ने कुछ नहीं बताया।
कहां सो रहे हैं उत्तर रेलवे के अफसर
उत्तर रेलवे मुरादाबाद मंडल कार्यालय इस जमीन से करीब तीस किलोमीटर दूर होगा। पूर्वोत्तर रेलवे की जमीन है तो पूर्वोत्तर रेलवे की मंडल कार्यालय इज्जतनगर बरेली में है, जिसकी दूरी 65 से 70 किलोमीटर होगी। इतनी करीब दोनों मंडल मुख्यालय होने के बाद भी रेलवे को अपनी जमीन की सुध नहीं है। रामपुर जंक्शन भी पास में है, रेलवे की जमीन पर आखिर कैसे अवैध कब्जे की कोशिश हो गई। रेलवे लाइन किनारे जमीन है। मंडल प्रबंधक या अधीनस्थ अधिकारी अक्सर इधर से गुजरते हैं, क्या उन्हें जमीन पर कब्जा होने की सूरत नहीं दिखी। यह सवाल अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े करता है।
जमीन से अभी नहीं हटाई गईं बांस की टटिया
रेलवे की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश नहीं तो यह क्या है। रेलवे की जमीन पर बांस और टटिया अभी तक नहीं हटाई गई हैं। सोमवार को भी बांस की टटिया जैसी की तैसी लगी रहीं। शायद अभी तक तहसील प्रशासन जिलाधिकारी के निर्देश पर भी सचेत नहीं है और न कब्जा करने वाला व्यापारी नेता इसे गंभीरता से ले रहा है। देखना है कि रेलवे इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।
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