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रामलीला में पंचवटी का दृष्य। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। शुक्रवार की रात उत्सव पैलेस रामलीला ग्राउंड सिर्फ एक मैदान नहीं रहा, बल्कि ऐसा लगा मानो धरती पर अयोध्या उतर आई हो। ग्यारहवें दिन का श्रीरामलीला महोत्सव श्रद्धा, कला और अध्यात्म का ऐसा संगम बनकर सामने आया जिसने हर किसी के दिल पर अमिट छाप छोड़ दी।
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सुबह का आगाज़ हुआ भगवान श्रीकृष्ण की रास और निकुंज लीलाओं से। नन्हें बालकृष्ण की माखन चोरी की अदाएं देखकर बच्चों की हंसी ठहाकों में बदल गई, तो वहीं बुजुर्गों की आंखें भक्ति से छलक उठीं। माहौल ऐसा था कि हर कोई खुद को वृंदावन की गलियों में महसूस कर रहा था।
जैसे ही सूरज ढला, रामलीला मैदान रंगीन रोशनियों से नहा उठा। 8:30 बजे मंच पर आए वृंदावन के कलाकारों ने ऐसी जीवंत प्रस्तुतियां दीं कि दर्शक मंत्रमुग्ध रह गए। भारत जी का चित्रकूट प्रस्थान, पादुका प्राप्ति, सती अनुसुइया मिलन, पंचवटी का जीवन और सूर्पनखा नासिक छेदन जैसे प्रसंगों ने हर किसी की आत्मा को झकझोर दिया। मंचन के साथ गूंजते “जय श्रीराम” के नारों ने वातावरण को और अधिक दिव्यता से भर दिया।
भीड़ का उत्साह इतना था कि तालियों की गड़गड़ाहट बार-बार मंचन को रोक देती और कलाकारों को मुस्कुराकर झुककर आशीर्वाद स्वरूप वह प्रेम स्वीकारना पड़ता।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगरपालिका चेयरमैन सना खानम, एसके अग्रवाल और मामून शाह का समिति की ओर से शॉल, पुष्पगुच्छ और मोमेंटो देकर सम्मान किया गया। आयोजन समिति के अध्यक्ष विष्णु शरण अग्रवाल समेत नगर के अनेक गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया। ग्यारहवें दिन का यह अध्याय न केवल रामकथा की गहराई तक ले गया बल्कि आने वाले दिनों के लिए उत्सुकता और रोमांच भी कई गुना बढ़ा गया। सच कहा जाए तो यह महोत्सव अब केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि पूरे शहर के लिए आध्यात्मिक उत्सव और सांस्कृतिक धरोहर बन चुका है।
रामलीला की यह यात्रा हर दर्शक के हृदय में ऐसी अविस्मरणीय स्मृतियां जोड़ रही है, जिन्हें आने वाले वर्षों तक बड़े गर्व और भक्ति भाव से याद किया जाएगा। इस मौके पर अध्यक्ष विष्णु शरण अग्रवाल, महामंत्री वीरेंद्र कुमार गर्ग, सह अध्यक्ष सुनील कुमार गोयल सोनी ताऊ, सुभाष चन्द्र अग्रवाल ठेकेदार , ईश्वर सरन अग्रवाल, विनोद कुमार गुप्ता ठेकेदार, वेद प्रकाश वर्मा, अरविन्द कुमार अग्रवाल, मनोज कुमार अग्रवाल, निर्भय कुमार गर्ग, कमलेश कुमार अग्रवाल (एड.), डॉ. अजय कुमार अग्रवाल, अरुण कुमार अग्रवाल, राम प्रताप सर्राफ, अनिल कुमार चौरसिया , राजीव सरन गर्ग, विनीत कुमार अग्रवाल, शान्ति शरण राठौड़, हरिओम गुप्ता, मनोज कुमार अग्रवाल, श्रीराम अग्रवाल, रविन्द्र कुमार मिश्रा, संजय अग्रवाल, डॉ. सुमित कुमार गोयल आदि मौजूद रहे।
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