Advertisment

Rampur News: मेडिसिन की ऑनलाइन डिलीवरी नहीं बर्दाश्त, सरकार द्वारा लगाई जाए लगाम, कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने उठाई मांग

आल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन ने गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर अवैध ई फार्मेसी और क्विक कॉमर्स प्लेटफार्म द्वारा 10 मिनट में शेड्यूल प्रिस्क्रिप्शन की दवाओं की डिलीवरी पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

author-image
Akhilesh Sharma
रामपुर

Photograph: (इंटरनेट मीडिया)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। 15 लाख से अधिक केमिस्टों का प्रतिनिधित्व करने वाली ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन ( एआईओसीडी ) ने देश के गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर अवैध ई फार्मेसी और क्विक कॉमर्स प्लेटफार्म जैसे ज़ाप्टो, बिलिंकेट आदि द्वारा 10 मिनट में शेड्यूल प्रिस्क्रिप्शन की दवाओं की डिलीवरी पर तत्काल रोक लगाने के लिए मांग की, एआईओसीडी ने स्पष्ट किया कि यह गतिविधियां ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट का सीधे रूप से उल्लंघन है और साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना  भी है! संबंधी नियामक द्वारा इनके खिलाफ कार्यवाही के अभाव में यह प्रवृत्ति विशेष कर युवाओं में नशे और लत को बढ़ावा दे रही है।
    इस संबंध में रामपुर फार्मा ट्रेडर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि अवैध ई फार्मेसी और क्विक कॉमर्स प्लेटफार्म जैसे ज़ाप्टो और ब्लिइंकिट आदि द्वारा 10 मिनट में शेड्यूल प्रिस्क्रिप्शन दावों की डोर स्टेप डिलीवरी से युवाओं में नशे की लत को और बढ़ावा मिलेगा, और इस फर्जी दवा प्रिस्क्रिप्शन का चलन भी बढ़ रहा है जिसका उदाहरण अभी हाल ही में हैदराबाद के एक डॉक्टर ने मुंबई के एक मरीज के लिए आधी रात को फर्जी दवा का पर्चा जारी किया। इस तरह की प्रथाएं जन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक है दीपक शर्मा ने कहा कि सरकार नशीले पदार्थों का व्यापार तुरंत प्रभाव से रोके, एआईसीडी और ओसीडी यूपी के साथ रामपुर फार्मा ट्रेडर्स भी इस निर्णय के खिलाफ है क्योंकि सरकारी एजेंसियां ऑफलाइन दवा विक्रेताओं पर तो कार्यवाही करती हैं जबकि अवैध ऑनलाइन दवा विक्रेताओं के विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाया जाता जिससे नशीली दवाओं के दुरुपयोग में तकरीबन 55% तक की वृद्धि हुई है।
     डॉक्टर की दवा के पर्चों और खरीदार की मंशा की जांच के लिए कोई भी ठोस प्रणाली मौजूद नहीं होने और अनुसूची एच की आदत डालने वाली दवाएं, प्रेगाबलीन जैसी अनुसूची एच की दवाओं का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है। क्योंकि युवा बड़ी आसानी से संदिग्ध ऑनलाइन परामर्श सेवाओं के माध्यम से इन तमाम दवाओं तक अपनी पहुंच बन पा रहे हैं। जबकि बिना जांच परक के इनको बेचना औषधि और प्रशासन सामग्री अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है जिसका असर युवाओं में नशे की लत के तेज प्रसार के रूप में दिख रहा है।

यह भी पढ़ेंः-

Rampur News: भाकियू टिकैत ने निकाली तिरंगा यात्रा, किसानों के हक और सम्मान की उठाई मांग

Rampur News: दढ़ियाल एतमाली में अवैध खनन पकड़ा, रिपोर्ट दर्ज

Rampur News: व्यापारियों ने मंडी समिति प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन

Rampur News: रजा लाइब्रेरी में दुर्लभ दस्तावेज, साहित्य और चित्र, पुस्तकों की प्रदर्शनी शुरू, जानिए स्वतंत्रता संग्राम की गौरवगाथा

Advertisment
Advertisment