Advertisment

Rampur News: प्रधानमंत्री ने भेजा रामपुर रजा लाइब्रेरी के नाम संदेश, विश्वस्तरीय अध्ययन एवं अनुवाद संस्थान की आधारशिला पर जताई प्रसन्नता

रामपुर रज़ा पुस्तकालय के 251वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित द्वितीय “रामपुर रज़ा पुस्तकालय महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुस्तकालय एवं संग्रहालय को एक प्रेरणादायी संदेश भेजा है।

author-image
Akhilesh Sharma
WhatsApp Image 2025-10-07 at 5.05.36 PM

प्रधानमंत्री ने रजा लाइब्रेरी को भेजा संदेश। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। रामपुर रज़ा पुस्तकालय के 251वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित द्वितीय “रामपुर रज़ा पुस्तकालय महोत्सव (03 से 07 अक्टूबर 2025)” के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुस्तकालय एवं संग्रहालय को एक प्रेरणादायी संदेश भेजा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्नेह एवं आशीर्वाद रामपुर रज़ा पुस्तकालय एवं संग्रहालय को सदैव प्राप्त होता रहा है। संदेश में प्रधानमंत्री विश्वस्तरीय अध्ययन एवं अनुवाद संस्थान की आधारशिला रखे जाने की योजना पर प्रसन्नता व्यक्त की है।  
 251 वें स्थापना दिवस पर यह सन्देश पाकर रामपुर रज़ा पुस्तकालय में उत्साह एवं जश्न का माहौल है। समस्त रूहेलखंड क्षेत्रवासियों के लिए यह गर्व और सम्मान का विषय है कि रामपुर रज़ा पुस्तकालय में विश्वस्तरीय अध्ययन एवं अनुवाद संस्थान की स्थापना होगी। रामपुर रज़ा पुस्तकालय एवं संग्रहालय के निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस संदेश पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि उन्हें 251वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में रामपुर रज़ा पुस्तकालय द्वारा आयोजित महोत्सव व 'विश्वस्तरीय अध्ययन एवं अनुवाद संस्थान' की आधारशिला रखे जाने की योजना के बारे में जानकर प्रसन्नता हुई है। रामपुर रज़ा पुस्तकालय की ढाई सदी की लंबी व गौरवशाली यात्रा स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर देश के सामाजिक, शैक्षिक और वैचारिक विकास की अनेक ऐतिहासिक घटनाओं की गाथा है। भारतीय ज्ञान, संस्कृति और इतिहास की यह अनमोल निधि अरबी, फ़ारसी, पश्तो, संस्कृत, उर्दू, हिन्दी और तुर्की जैसी विभिन्न भाषाओं की हज़ारों पांडुलिपियों के माध्यम से हमारी बहुभाषिक और बहुसांस्कृतिक विरासत का जीवंत स्वरूप प्रस्तुत करती है। बदलते समय के साथ ज्ञान, शोध, कला और नवप्रवर्तन के अद्भुत संगम रामपुर रज़ा पुस्तकालय की परंपरा को सहेजते हुए इसकी सुविधाओं को बढ़ाकर इसे आधुनिक बनाने के प्रयास सराहनीय हैं। इस कड़ी में 'विश्वस्तरीय अध्ययन एवं अनुवाद संस्थान' भारत की वैचारिक और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पटल तक पहुंचाने में विशिष्ट योगदान देगा। प्रधानमंत्री ने अपने सन्देश में यह भी कहा है कि उन्हें विश्वास है कि रामपुर रज़ा पुस्तकालय महोत्सव के दौरान होने वाले विभिन्न कार्यक्रम कर्मचारियों, शोधार्थियों व पाठकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बनेंगे। अपनी अब तक की यात्रा से प्रेरणा लेते हुए यह संस्थान शिक्षा और ज्ञान के प्रसार में सार्थक योगदान देता रहे, यही कामना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम से जुड़े सभी अधिकारियों, विद्वानों और सहभागियों को भविष्य के प्रयासों के लिए हार्दिक शुभकामनाएं भी दी हैं।

प्रधानमंत्री का संदेश आना रामपुर वासियों को गौरव का क्षणः डा पुष्कर मिश्र

रामपुर रज़ा पुस्तकालय एवं संग्रहालय के निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र ने इस सन्देश के बारे में यह भी बताया कि यह हमारे लिए अत्यंत गौरव का क्षण है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रज़ा पुस्तकालय की ऐतिहासिक और विद्वत परंपरा को सराहा है। उनका यह संदेश पुस्तकालय परिवार के लिए प्रेरणास्त्रोत है और हमारे शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं अनुसंधान कार्यों को नई दिशा प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री के इस प्रोत्साहन से हम भारत की ज्ञान-परंपरा को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के लिए और अधिक संकल्पित हैं। प्रधानमंत्री का सपना है कि हमारा देश 2047 में विकसित देशो की श्रेणी में आ जाये, आज प्रधानमंत्री के इस सपने को पूरा करने के लिए सभी जनमानुष अपने क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं। रामपुर रज़ा पुस्तकालय भी इस दिशा में कार्य कर रहा है। वर्तमान में पुस्तकालय अपने वैश्विक गौरव को पुनः प्राप्त करने और निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। रामपुर रज़ा पुस्तकालय केवल एक पुस्तकालय नहीं, बल्कि एक विश्व-दृष्टि है। यह सम्पूर्ण मानवता को यह संदेश देता है कि भविष्य बहुभाषिक, बहुसांस्कृतिक और बहुविषयक होगा। सबको साथ लेकर आगे बढ़ने की भावना ही इस पुस्तकालय का संदेश है। पुस्तकालय का मुख्य भवन सन् 1905 में निर्मित हुआ था। इसकी आठ मीनारें हैं और प्रत्येक मीनार चार भागों में विभाजित है। पहला मस्जिद का, दूसरा गिरिजाघर का, तीसरा गुरुद्वारे का और चौथा मंदिर का। बहुसांस्कृतिक दृष्टि का इससे श्रेष्ठ उदाहरण और कहीं नहीं मिलता। कहा कि रामपुर रज़ा पुस्तकालय में 21 से अधिक भाषाओं का संग्रह उपलब्ध है। भारत में प्राचीन काल से ही बहुश्रुत परंपरा रही है, जिसमें अधिक भाषाएँ जानने वाला ही विद्वान कहलाता था। विश्व के अन्य भागों में भाषाई कट्टरता के कारण संघर्ष और युद्ध हुए, लेकिन रामपुर रज़ा पुस्तकालय अपनी बहुभाषायी संस्कृति के कारण यह उदाहरण प्रस्तुत करता है कि प्रत्येक भाषा एक-दूसरे को समृद्ध करते हुए आगे बढ़ सकती है। संस्कृति, मज़हब और भाषा के नाम पर संघर्ष के विपरीत, यह पुस्तकालय समावेश, स्वीकार्यता और सह-अस्तित्व का संदेश देता है।

रजा पुस्तकालय को मिलेगी संपूर्ण किले की जिम्मेदारी, खोले जाएंगे विभिन्न भाषा संस्थान

Advertisment

डॉ. पुष्कर मिश्र ने बताया कि अध्यक्षा रामपुर रज़ा पुस्तकालय बोर्ड की अध्यक्षता में 15 अक्टूबर 2024 को निर्णय लिया गया था कि रामपुर रज़ा पुस्तकालय में सम्पूर्ण रामपुर किले के विभिन्न भवनों का समावेश कर विभिन्न प्रकार के संस्थान खोले जायेंगें, उस निर्णय प्रक्रिया में हमने प्रगति की है और आने वाले समय में हम यहां पर विश्व स्तरीय संस्थानों को देख सकेंगें। हमारा उद्देश्य है कि पृथ्वी की कोई भी भाषा उपेक्षित न रहे। इसी दृष्टि से हम प्रत्येक भाषा का ऐसा संस्थान स्थापित करना चाहते हैं, जहां उसके बारे में ज्ञानवर्धन हो सके।

प्रथम चरण में भारतीय भाषाओं पर हो रहा काम

प्रथम चरण में हम भारतीय भाषाओं पर कार्य कर रहे हैं और इंटरनेशनल स्टैंडर्डाइजेशन ऑफ लैंग्वेजेज़ के अंतर्गत भारतीय भाषाओं के अंतरराष्ट्रीय मानक प्रस्तुत करने की दिशा में प्रयासरत हैं। कहा कि आज पुस्तकालयों का स्वरूप बदल रहा है। वे केवल अध्ययन स्थल न रहकर सामुदायिक केंद्र बनते जा रहे हैं। इसी प्रकार हम रामपुर रज़ा पुस्तकालय को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। देश-विदेश से आने वाले विद्वानों और शोधकर्ताओं के लिए आवासीय सुविधाएँ भी विकसित की जाएंगी ताकि वे पुस्तकालय में रहकर अपने अध्ययन कार्य सुगमता से कर सकें। इसके अतिरिक्त, पुस्तकालय परिसर की भव्यता और सौंदर्य को और बढ़ाने के लिए अधिक उद्यानों का विकास किया जाएगा। साथ ही, एक सांस्कृतिक केंद्र की भी स्थापना की जाएगी, जहां विश्वभर की कला, संगीत और नृत्य शैलियों का प्रदर्शन तथा सांस्कृतिक संवाद आयोजित होंगे। प्रस्तावित परियोजनाओं में एक आधुनिक पर्यटन केंद्र भी शामिल है, जो हामिद मंज़िल को विश्व के सबसे सुंदर भवनों में से एक के रूप में प्रस्तुत करेगा और नैनीताल, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, सीताबनी मंदिर, कैंची धाम आदि प्रमुख पर्यटन स्थलों से जोड़ेगा।


निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र ने बताया कि इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्य रामपुर रज़ा पुस्तकालय एवं संग्रहालय को विश्वस्तरीय बहुभाषिक, बहुसांस्कृतिक और बहुविषयक अध्ययन एवं अनुवाद केंद्र के रूप में विकसित करना है। यह प्रयास न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और बौद्धिक धरोहर को एक नई पहचान प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  का यह प्रेरणादायी संदेश से रामपुर रज़ा पुस्तकालय एवं संग्रहालय में  समस्त कर्मचारियों में अत्यंत हर्ष और उत्साह का वातावरण व्याप्त हो गया है । सभी ने इस गौरवपूर्ण अवसर पर एक-दूसरे को मिठाई बांटकर बधाई दी और इस ऐतिहासिक क्षण की खुशी साझा की। प्रधानमंत्री के संदेश को संस्थान के लिए एक प्रेरणा एवं मार्गदर्शन के रूप में देखा जा रहा है, जिसने पुस्तकालय परिवार को नई ऊर्जा और संकल्प के साथ अपने कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।

Advertisment


यह भी पढ़ेंः-

Rampur News: आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को बरेली जाने से पुलिस ने रोका, नोक-झोंक

Rampur News: विधायक आकाश बोले- प्रेम सद्भाव और एकता का संदेश देती है वाल्मीकि रामायण

Advertisment

Advertisment
Advertisment