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वाल्मीकि मंदिर कोसी मार्ग पर पूजा करते भावधस के वीरेश भीम अनार्य। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
रामपुर, वाईबीएन नेटवर्क। शरद पूर्णिमा का दिन साल का सबसे पवित्र दिन होता है। इस दिन चन्द्रमा अपने पूर्ण योवन पर होता है और आसमान से अमृत की वर्षा होती है। वाल्मीकि उपासक आज के दिन वाल्मीकि जी का गुणगान कर भगवान वाल्मीकि को अमृतभोग (खीर) लगा कर खुले आसमान के नीचे रख देते हैं। जिस पर आसमान से अमृतवर्षा (ओस) होने के कारण वह अमृतभोग बन जाता है ऐसी मान्यता है कि जो भी लोग इस अमृत भोग का सेवन करते हैं। उनके सारे दुख: दूर होते हैं और उनके यहां धन की वर्षा होती है।
उक्त उद्गार भावाधस (भीम) के राष्ट्रीय प्रमुख वीरेश भीम अनार्य ने कहे वह शरद पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर वाल्मीकि धाम कोसी रोड रामपुर में भगवान वाल्मीकि उपासना सभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज के दिन समाज के समस्त महिलायें, पुरुष एवं बच्चे व्रत रखे। और भगवान वाल्मीकि जी का गुणगान कर प्रातःकाल घर-घर जाकर भगवान वाल्मीकि का सन्देश दे, और प्रभात फेरी आदि में शामील हो, गरीबों को खाना वितरित करें एवं भंडारों का आयोजन करें। इस अवसर पर रामगोपाल कठेरिया, शंकर(बबलू), राजू अंबेडकर, दिलीप वाल्मीकि, शरद राज, अभिषेक बाबू, कमल अंबेडकर, चंचल कुमार, कुणाल वाल्मीकि, अतुल भारती, प्रमोद आदिवासी आदि लोग शामिल थे। 7 अक्टूबर 2025 को वाल्मीकि करुणा उत्सव पर तोप खाना वाल्मीकि नगर रामपुर से भव्य प्रभात फेरी प्रारंभ होगी जिसमें समाज की महिलाएं एवं पुरुष बड़ी मात्रा में सम्मिलित होंगे।
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