मदरसा Photograph: (इंटरनेट मीडिया )
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
जनपद में कुल 176 मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 30 मदरसे बिना किसी सरकारी मान्यता के वर्षों से कार्यरत हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद खालिद के अनुसार, इन 30 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की सूची तैयार कर शासन को एक वर्ष पहले ही रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।
रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक 15 मदरसे सदर तहसील में चल रहे हैं, जबकि तिलहर में 9, पुवायां में 3 और जलालाबाद में 4 मदरसे संचालित हो रहे हैं। इन मदरसों का संचालन विभिन्न निजी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। 18 मदरसे निजी भवनों में चल रहे हैं, जबकि 6 मदरसे किराये के भवनों में, 2 मस्जिदों में और एक मदरसा वक्फ की जमीन पर संचालित हो रहा है।
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इन मदरसों में मजहबी और दीनी तालीम के साथ-साथ उर्दू, अरबी, फारसी, हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान और गणित जैसे विषय भी पढ़ाए जा रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कुछ मदरसों में पढ़ने वाले छात्र अन्य विद्यालयों में भी नामांकित हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि छात्र केवल धार्मिक शिक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आधुनिक शिक्षा की ओर भी अग्रसर हैं।
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हालांकि ये मदरसे लंबे समय से सक्रिय हैं, परंतु बिना मान्यता पर सवाल उठते रहे हैं। शासन स्तर पर भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इन मदरसों के संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा। सरकार की ओर से इन संस्थाओं को मान्यता देने अथवा आवश्यक शैक्षणिक मानकों के अनुसार संचालित करने के निर्देश दिए जा सकते हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। जिले में शिक्षा के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनकर सामने आया है, जिस पर शासन की निगरानी और हस्तक्षेप आवश्यक हो गया है।
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