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गंगा-रामगंगा में उफान से 48 गांव टापू बने, सड़कें डूबीं, हजारों बीघा फसलें बर्बाद

शाहजहांपुर में गंगा-रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने से 48 गांव पानी से घिरे, सड़कें जलमग्न और यातायात ठप। हजारों बीघा फसल डूबी, चारे का संकट गहराया। प्रशासन ने नावें और मोटर बोट भेजीं, राहत किट वितरण की तैयारी।

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Ambrish Nayak
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Photograph: (shahjahanpur netwrk)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश और बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने से गंगा और रामगंगा नदियों का जलस्तर बुधवार को खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। कलान के भैंसार बांध पर गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ मिर्जापुर, परौर, जलालाबाद और अल्हागंज के किनारे बसे 48 गांव चारों ओर पानी से घिरकर टापू बन गए। हजारों बीघा फसलें डूबने से बर्बादी का खतरा मंडरा रहा है, जबकि पशुओं के लिए हरे चारे की किल्लत भी बढ़ गई है।

जलालाबाद में हालात बिगड़े.....पांच फुट पानी में डूबे गांव

रामगंगा और बहगुल नदी के जलस्तर बढ़ने से बुधवार सुबह से ही जलालाबाद क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में बाढ़ का प्रकोप तेज हो गया। तिकोला पुल के एप्रोच रोड पर चार फुट से अधिक पानी आ गया, जिससे रास्ता बंद कर नाव की व्यवस्था की गई। कसारी गांव का संपर्क मार्ग भी पांच फुट पानी में डूब जाने से कट गया है। कई जगह सड़कें बह जाने से वाहन चलाना संभव नहीं है। बिजली आपूर्ति ठप है और मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है, जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रिय नहीं दिख रही हैं। छात्र-छात्राओं को स्कूल पहुंचने में भारी दिक्कतें हो रही हैं।

सताया भूमि कटान का खतरा...उपाय जुटाने में लगे जिम्मेदार

परौर में रामगंगा से हो रहे भूमि कटान का निरीक्षण करने पहुंचे सिंचाई विभाग शारदा नहर खंड के अधीक्षण अभियंता नीलेश कुमार जैन ने विभागीय इंजीनियरों को बांस-बल्लियों और बालू की बोरियों से अस्थायी उपाय करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने जिओ ट्यूब लगाने की मांग की।

दर्जनों गांवों के संपर्क मार्ग डूबे...

गंगा में उफान से कलान क्षेत्र के दर्जनभर गांवों के संपर्क मार्ग डूब गए। जलालाबाद-शमशाबाद हाईवे और मिर्जापुर-जरियनपुर-ढाई मार्ग पर तीसरे दिन भी यातायात बंद रहा। हेतमपुर-ढाई मार्ग भी पानी में डूब जाने से बंद कर दिया गया।

राहत बचाव में जुटी एसडीआरएफ.....क्या बोले एडीएम

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प्रशासन के मुताबिक गंगा और रामगंगा की बाढ़ से 27 गांव प्रभावित हैं, जिनमें 12 की आबादी पानी से घिरी है। तीन मोटर बोट, 12 नावें, एक एसडीआरएफ टीम और 12 बाढ़ चौकियां लगाई गई हैं। एडीएम एफआर अरविंद कुमार ने बताया कि प्रभावित लोगों को शरणालयों में भेजा जा रहा है, जहां भोजन की व्यवस्था है और गुरुवार से राहत किट वितरण शुरू होगा।

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