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50 हजार के ईनामी शेखर का खुलासा, बहन के घर शरण लेने के बाद दोस्त ने ही कर दी हत्या, टैटू देखकर पत्नी ने पहचाना शव

शाहजहांपुर के 50 हजार के ईनामी शेखर मौर्या की हत्या का सनसनीखेज राज उजागर। मुकदमे की पैरवी और संपत्ति के लालच में दोस्त व रिश्तेदारों ने मिलकर नहर में शव फेंका। STF ने सुरागरसी कर केस सुलझाया और आरोपियों को बेनकाब किया।

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Ambrish Nayak
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Photograph: (shahjahanpur netwrk)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददातापचास हजार के ईनामी अभिषेक उर्फ शेखर मौर्या की हत्या का सनसनीखेज खुलासा यूपी एसटीएफ ने किया है। करीब आठ माह तक फरारी काट रहे शेखर को पुलिस खोज रही थी, लेकिन वह पहले ही दोस्त और रिश्तेदारों की साजिश का शिकार बन चुका था। हत्या के बाद शव को बोरी में बंद कर कानपुर की पनकी नहर में फेंक दिया गया।

आयुष हत्याकांड के बाद फरार हुआ शेखर

2 दिसंबर 2024 को शाहजहांपुर के सदर बाजार क्षेत्र में आयुष गुप्ता की हत्या हुई। इस मामले में अभिषेक उर्फ शेखर मौर्या नामजद हुआ और 3 दिसंबर को फरार हो गया। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित किया।

बहन के घर शरण, दोस्त के पास ठिकाना

फरारी के दौरान शेखर कानपुर में रहने वाली बहन सीमा के घर जा पहुंचा। पुलिस से बचाने के लिए बहन ने उसे दोस्त कुलदीप दुबे के घर ठहराया। यहीं से उसके खिलाफ साजिश की नींव पड़ी।

पैरवी के नाम पर ऐंठे लाखों

कुलदीप ने शेखर से मुकदमे की पैरवी के लिए 10 लाख रुपये मांगे। पत्नी सालू ने जेवर बेचकर रुपये दिए। इसके बाद भी बहन, भांजी और भाई ने और रुपये की मांग शुरू कर दी। इसी बीच कुलदीप अपनी टेलीग्राम आईडी से शेखर और उसकी पत्नी के बीच बातचीत कराता रहा। बाद में बहन व भांजी ने 15 लाख रुपये और मांगे। दबाव इतना बढ़ा कि शेखर की पत्नी को बार-बार रुपये जुटाने पड़े।

दोस्ती बनी दुश्मनी, रची हत्या की साजिश

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इसी दौरान शेखर ने कुलदीप की महिला मित्र को परेशान करना शुरू कर दिया। यह बात कुलदीप को नागवार गुजरी और उसने हत्या की साजिश रच डाली। हत्या के बाद शेखर का शव बोरी में भरकर पनकी नहर में फेंक दिया गया, ताकि किसी को भनक तक न लगे।

लावारिस शव, टैटू से हुई पहचान

कुछ दिनों बाद कानपुर पुलिस को नहर से बोरी में बंद शव मिला। शव सड़ी-गली हालत में था,इसलिए उसकी पहचान नहीं हो पाई और पुलिस ने अंतिम संस्कार लावारिस में कर दिया। महीनों बाद सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में टैटू देखकर पत्नी सालू ने शव को शेखर के रूप में पहचान लिया। और पुलिस से संपर्क किया। तभी हत्या का पूरा राज सामने आया।

हत्या छुपाने को दोस्त बना ‘शेखर’

हत्या का राज छुपाने के लिए कुलदीप दुबे खुद को शेखर बताकर पत्नी सालू से टेलीग्राम आईडी के जरिए बातचीत करता रहा। इस बीच शेखर के भाई-बहनों ने पिता पर दबाव डालकर संपत्ति अपने नाम वसीयत करा ली और पत्नी से भी और रुपये ऐंठे।

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शेखर हत्याकांड का खुलासा

केस दर्ज, STF की भूमिका सराही गई

पत्नी सालू की तहरीर पर कानपुर के अमरापुर थाने में कुलदीप दुबे, अभय कुशवाहा, अजीत मौर्या और युवराज कुशवाहा के खिलाफ बीएनएसएस की धारा 103(1), 238, 61(2), 3(5), 253 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है,इस जटिल मामले की गुत्थी सुलझाने में यूपी एसटीएफ लखनऊ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने अज्ञात शव से सुराग जुटाकर न सिर्फ ईनामी की मौत की गुत्थी खोली, बल्कि हत्यारों को भी बेनकाब कर दिया।

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