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चोरी का प्रतीकात्क फोटो गूगल
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाताः किसान के लिए सिंचाई का साधन ही उसकी फसल की जीवनरेखा होता है। लेकिन जब यही साधन अचानक गायब हो जाए, तो खेत, किसान और उम्मीद—तीनों ही सूखने लगते हैं। जनपद के थाना सेहरामऊ दक्षिणी क्षेत्र के गांव दारापुर चठिया में किसान योगेंद्र कुमार पुत्र सियाराम के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। उनके घर के बाहर रखा पंपिंग सेट 2 नवंबर की रात किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चोरी कर लिया गया। यह वही इंजन था, जिससे योगेंद्र अपने खेतों की सिंचाई करते थे।
खेत में गेहूं की तैयारी, सब्जियों को पानी देना और आगामी फसलों के लिए पलेवा करना था, पर अब सिंचाई का कोई जरिया नहीं बचा। योगेंद्र बताते हैं, “इंजन क्या गया, जैसे मेरे खेत की सांस ही रुक गई। आज
फसल को पानी नहीं मिला तो कल भूसा भी नहीं मिलेगा।”
योगेंद्र ने गांव में तलाश की, चौपालों पर पूछा, आस पड़ोस तक खोज की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। अंततः उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पंपिंग सेट की कीमत करीब 60 हज़ार रुपये बताई जा रही है, जो किसी किसान के लिए छोटी रकम नहीं, बल्कि पूरे सीजन की उम्मीद होती है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की चोरी किसान की कमर तोड़ देती है, क्योंकि सिंचाई रुकने का अर्थ है फसल का बिगड़ना और आर्थिक संकट का बढ़ना। अब ग्रामीणों की नज़र पुलिस पर है कि आखिर किसान की ‘जीवनरेखा’ कब तक वापस मिल पाती है।
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